बिना अनुमति चुनावी सभा करने पर इमरान मसूद पर आचार संहिता के उल्‍लंघन का केस Saharanpur News

बिना अनुमति शुक्रवार को चुनावी सभा कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद के विरुद्ध स्थानीय पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 12:40 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 12:40 PM (IST)
बिना अनुमति चुनावी सभा करने पर इमरान मसूद पर आचार संहिता के उल्‍लंघन का केस Saharanpur News
बिना अनुमति चुनावी सभा करने पर इमरान मसूद पर आचार संहिता के उल्‍लंघन का केस Saharanpur News

सहारनपुर, जेएनएन। स्थानीय तीतरों गांव में बिना अनुमति चुनावी सभा कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद के विरुद्ध स्थानीय पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया है।

21 को होना है उप चुनाव

कोतवाली प्रभारी मुकेश गौतम के अनुसार शुक्रवार की देर शाम इमरान एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। बाद में जब उन्हें कोतवाली प्रभारी ने अनुमति न होने की जानकारी देते हुए आचार संहिता का पाठ पढ़ाया तब इमरान वहां से चले गए। कांग्रेस नेता के विरुद्ध धारा 171 के तहत मामला दर्ज किया गया है।  ज्ञात हो कि यह इलाका गंगोह विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है जहां सोमवार 21 अक्‍टूबर को उपचुनाव हो रहा है।

गड़बड़ी की तो नपेंगे अवांछनीय तत्व

इस बीच गंगोह उप चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। गंगोह विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही पुलिस की नजरों में असामाजिक व अवांछनीय तत्व हैं। चुनाव के दिन गड़बड़ी हुई तो नपेंगे। गंगोह विधान सभा के लिए उप चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। बड़गांव पुलिस की नजरों में क्षेत्र के ग्राम प्रधान ही सबसे बड़े असामाजिक तत्व हैं। झबीरण के प्रधान नाथीराम, कातला के ग्राम प्रधान विजयंत राणा, मोरा के ग्राम प्रधान पति विनोद कुमार के खिलाफ बड़गांव पुलिस ने लाल कार्ड जारी किए हैं तो दल्हेड़ी के प्रधान सोनू के खिलाफ 116/7 निरोधक कार्रवाई की है।

लाल कार्ड जारी करने का पहला मामला

ग्रामीणों राहुल, राजबीर, रणबीर आदि का कहना है कि जब हमारे गांव के प्रधानों को ही चुनाव में लाल कार्ड जारी किये गए हैं तो आम नागरिक के साथ पुलिस का क्या व्यवहार रहेगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। प्रधानों को लाल कार्ड जारी करने का मामला क्षेत्र में पहली बार देखने को मिला है। थानाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह का कहना है कि आफिस की गलती से प्रधानों को लाल कार्ड जारी कर दिए गए थे, जो वापस ले लिए जा रहे हैं।

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