पत्नी की हत्या में आजीवन कारावास

को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पति के दोस्त पर आरोप साबित न होने पर संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने जुर्माने की धनराशि में से 40 हजार रुपये मृतका के पिता को देने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 10:56 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 10:56 PM (IST)
पत्नी की हत्या में आजीवन कारावास
पत्नी की हत्या में आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, रामपुर : पत्नी की हत्या में पति को दोषी मानते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 50 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। इसी मामले में एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

हत्या का यह मामला शाहबाद कोतवाली क्षेत्र का है। सम्भल जिले के थाना कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम चितौरा राहुल निवासी अवनेश कुमार पुत्र विश्नू सिंह यादव की शादी शाहबाद क्षेत्र निवासी शांति लाल की बेटी कन्यावती के साथ हुई थी। दोनों के बीच आपस में विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते 12 अप्रैल 2015 को अवनेश अपने बेटे को इलाज के बहाने मुरादाबाद ले गया था। पत्नी को भी साथ में ले लिया। रास्ते में पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतका के पिता ने इस मामले की अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस की जांच में पाया गया कि मृतका के पति ने अपने दोस्त सुमनेश की मदद से हत्या की। पुलिस ने पति और उसके दोस्त के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि मुकदमा झूठा है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार सिंह सैनी का कहना था कि गवाहों और परिस्थितियों ने पति द्वारा घटना करना साबित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला जज षष्ट्म धीरेंद्र कुमार काम्बोज ने पति को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पति के दोस्त पर आरोप साबित न होने पर संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने जुर्माने की धनराशि में से 40 हजार रुपये मृतका के पिता को देने के आदेश दिए हैं।

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