जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के बारे में पुलिस ने लेखपालों से की पूछताछ

तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार को पूछताछ के लिए बुलाएगी पुलिस

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 10:48 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 10:48 PM (IST)
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के बारे में पुलिस ने लेखपालों से की पूछताछ
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के बारे में पुलिस ने लेखपालों से की पूछताछ

जागरण संवाददाता, रामपुर : जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के संबंध में पुलिस की स्पेशल टीम ने दो लेखपालों से पूछताछ की। तत्कालीन उपजिलाधिकारी और तहसीलदार से भी पुलिस पूछताछ करेगी। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर इसके चांसलर सांसद आजम खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में 30 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी के पड़ोसी गांव आलियागंज के 26 किसानों ने मुकदमे दर्ज कराए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि आजम खां ने सत्ता में रहते उनकी जमीन जबरन यूनिवर्सिटी में मिला ली। पुलिस ने हवालात बंद किया और फर्जी मुकदमों में जेल भेजने की धमकी दी। इस मामले में पुलिस यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाली जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से भी बातचीत कर चुकी है, लेकिन उनसे सवालों के जवाब नहीं मिल सके हैं। पुलिस अब लेखपालों से जानकारी जुटाने में जुटी है। इसके लिए दो लेखपालों से पूछताछ की गई है। इस मामले में लेखपाल आनंदवीर व कानूनगो महीपाल को इसी माह निलंबित भी किया जा चुका है। अब इनसे पूछताछ भी की जा रही है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि तत्कालीन उपजिलाधिकारी और तहसीलदार से भी पुलिस पूछताछ करेगी। पुलिस उनसे जानकारी करेगी कि यह जमीनें जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में कैसे मिला दी गईं। इनका बैनामा कराया गया है या नहीं। आजम की पत्नी पर एक और मुकदमे की तैयारी

रामपुर: सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फात्मा के खिलाफ एक ओर मुकदमा दर्ज होने जा रहा है। यह मुकदमा डीसीडीएफ की जमीन को लेकर है। डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अहसान ने जिलाधिकारी से एक सप्ताह पहले शिकायत की थी कि आजम खां पत्नी के नाम सपा शासनकाल में गलत तरकीके से आवंटन कराया गया। डीएम ने इसकी जांच कराई। जांच में आरोप सही साबित हो रहे हैं। अब रिपोर्ट की तैयारी है। लेखपालों ने दिया ज्ञापन रामपुर : लेखपाल पाल संघ ने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि लेखपालों के वेतन, भत्ते, प्रमोशन, एसीपी, पेंशन विसंगति, सेवा नियमावली एवं तहसीलों में आधारभूत सुविधाएं व संसाधन संबंधी व अन्य मांगें वर्षों से लंबित हैं, उन्हें शीघ्र पूरा करें। ऐसा न करने पर आंदोलन किया जाएगा।

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