विकास को मिला धन भी खर्च नहीं कर सकी जिला पंचायत

मुस्लेमीन रामपुर जिला पंचायत बोर्ड का पांच साल का कार्यकाल 13 जनवरी को पूरा हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:49 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:49 PM (IST)
विकास को मिला धन भी खर्च नहीं कर सकी जिला पंचायत
विकास को मिला धन भी खर्च नहीं कर सकी जिला पंचायत

मुस्लेमीन, रामपुर: जिला पंचायत बोर्ड का पांच साल का कार्यकाल 13 जनवरी को पूरा हो गया। इन पांच साल में जिला पंचायत को विकास कार्यों के लिए शासन से खूब पैसा मिला। लेकिन, बोर्ड इस धनराशि को समय से खर्च नहीं कर सका। 25 करोड़ रुपये खर्च होने से रह गए। हालांकि, अब अधिकारी इस धनराशि से विकास कार्य कराने में जुटे हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पांच साल पहले सपा शासनकाल में हुआ था। तब सपा के मास्टर लाखन सिंह अध्यक्ष चुने गए थे। सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जिला पंचायत बोर्ड में भी इसका असर दिखा। सपा के चेयरमैन को पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर चंद्रपाल सिंह अध्यक्ष बन गए। उन्होंने 17 अगस्त 2017 में चेयरमैन की कुर्सी संभाली। हालांकि वह निर्विरोध अध्यक्ष बने। लेकिन, बाद में कई सदस्य उनके विरोध में आ गए। इन सदस्यों ने कभी शासन से शिकायतें की तो कभी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कई बार विकास कार्यों के टेंडर भी निरस्त हुए। इस सबके बावजूद चंद्रपाल सिंह पद पर बने रहे। पांच साल में खर्च हुए 93 करोड़

पांच साल में जिला पंचायत ने विकास कार्यों पर 92.85 करोड़ रुपये खर्च किए। जिला पंचायत का कार्यकाल शुरू होने के पहले वित्त वर्ष 2015-16 में 698.70 लाख से खडंजा, सीसी और डामर रोड डालने का कार्य किया गया। वर्ष 2016-17 में 2182.28 लाख, वित्त वर्ष 2017-18 में 868.66 लाख, वित्त वर्ष 2018-19 में 2959.74 लाख रुपये खर्च हुए। चालू वित्त वर्ष में 2576.068 लाख खर्च किए गए हैं। पांच साल में खडंजा, सीसी और डामर की 347.717 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई गईं। नौगवां में भी सीसी रोड बनवाई है। कोरोना काल में लाकडाउन लगने से भी कार्य प्रभावित हुए और टेंडर तक निरस्त हो गए। 25 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होने से बच गए।

अब जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह प्रशासक हैं। वह विकास कार्य तेजी से कराने पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि बची हुई रकम के टेंडर पहले ही हो चुके हैं। 12 करोड़ के काम चल रहे हैं। अन्य कार्य भी शीघ्र शुरू होंगे। सदस्यों ने डाला अड़ंगा

निवर्तमान अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह का कहना है कि हमने निष्पक्ष रूप से सभी वार्डों में काम कराए। कई सदस्यों ने काम में रोड़े भी अटकाए। बिना वजह शिकायतें करते रहे। हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कई बार टेंडर निरस्त तक कराए। इसके चलते विकास कार्य प्रभावित हुए। कोरोना काल में लाकडाउन की वजह से भी काफी दिन काम बंद रहा। फिर भी हमने सभी वार्डों में काम कराया।

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