रामनगर बैराज से छोड़ा गया 20 हजार क्यूसेक पानी

जागरण संवाददाता स्वार रामनगर बैराज से कोसी नदी में 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 11:11 PM (IST)
रामनगर बैराज से छोड़ा गया 20 हजार क्यूसेक पानी
रामनगर बैराज से छोड़ा गया 20 हजार क्यूसेक पानी

जागरण संवाददाता, स्वार : रामनगर बैराज से कोसी नदी में 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया, जिसके बाद नदी एक बार फिर उफान पर आ गई है। जिससे नदी किनारे बसे ग्रामीणों को बाढ़ की विभीषिका सताने लगी है। वहीं मरम्मत न होने के कारण बांध पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। किसान जान जोखिम में डालकर चारा लाने को मजबूर हैं।

पहाडी एवं मैदानी इलाकों में कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसके चलते जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। बुधवार को उत्तराखंड के रामनगर बैराज से 20 हजार क्यूसेक पानी छोडे जाने से नदी में उफान आ गया है। जिसके कारण गन्ने व धान की फसलों के अलावा पशुओं का चारा आदि भी नष्ट हो गया है। नदी किनारे बसे धनौरी, मधुपुरा, फाजलपुर, जालिफनगला, बंदरपुरा, अंधापुरी, सोनकपुर, रसूलपुर, मिलक काजी, समोदिया, पासियापुरा, खेमपुर, बजावाला आदि गांवों के ग्रामीणों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता था। ग्रामीणों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए वर्ष 2011 में 14 करोड़ की लागत से लालपुर से मुंशीगंज तक बांध का निर्माण करवाया गया था। जो कि मरम्मत न होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। पानी के बहाव के कारण लकड़ी की बैरीकेडिग एवं पत्थरों के स्पर भी बह गए हैं। किसान जाहिद हुसैन, इब्ने हसन, महबूव आलम व मुस्तफा आदि का कहना है कि विभाग द्वारा बांध की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। अगर बाढ़ आई तो ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी।

रामनगर बैराज से पानी छोड़े जाने पर बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।

प्रेम प्रकाश तिवारी, एसडीएम

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