डीयू की डाक्यूमेंट्री में नजर आएंगे प्रतापगढ़ के निलय

विज्ञान आओ करके सीखें। इसी ध्येय वाक्य को आत्मसात कर और करा रहे हैं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सराय आनादेव के प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार निलय। वह विज्ञान को लेकर बच्चों में सरल समझ विकसित कर रहे हैं। उनकी इस प्रतिभा को मान मिलेगा दिल्ली विश्वविद्यालय की डाक्यूमेट्री में। इसकी शूटिंग शनिवार को यहां हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 06:52 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 06:52 AM (IST)
डीयू की डाक्यूमेंट्री में नजर आएंगे प्रतापगढ़ के  निलय
डीयू की डाक्यूमेंट्री में नजर आएंगे प्रतापगढ़ के निलय

रमेश त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : विज्ञान आओ करके सीखें। इसी ध्येय वाक्य को आत्मसात कर और करा रहे हैं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सराय आनादेव के प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार निलय। वह विज्ञान को लेकर बच्चों में सरल समझ विकसित कर रहे हैं। उनकी इस प्रतिभा को मान मिलेगा दिल्ली विश्वविद्यालय की डाक्यूमेट्री में। इसकी शूटिंग शनिवार को यहां हुई।

राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता-2019 में प्रथम रहे निलय ने प्ले विथ पीरियाडिक टेबल नवाचार किया है। सांप-सीढ़ी के खेल और घड़ी का प्रयोग कर बच्चों को आवर्त सारणी सहजता से समझायी। स्वरचित कविता के माध्यम से आवर्त सारणी से धातु, अधातु और उपधातु अलग करना एवं सारणी के अन्य गुणों के ज्ञान संग विज्ञान के सिद्धांतों एवं नियमों को रोचक ढंग से समझाया। फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों, दफ्ती, गत्ते, पेपर आदि का प्रयोग कर मानव पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र, मस्तिष्क, रक्त परिसंचरण तंत्र, ऊर्जा के स्त्रोत, परावर्तन का माडल भी बनाया है। अनिल की शिक्षण पर आधारित बाल कहानी प्री बोर्ड को आस्ट्रेलिया की ई-पत्रिका में जगह मिली है। बाल कहानी संग्रह लाकडाउन पाजिटिव राज्य पुरस्कार में चयनित है। वह स्कूल में स्टूडेंट्स एनर्जी क्लब भी चलाते हैं। इसके जरिए ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करने पर उन्हें यूपीनेडा द्वारा वर्ष 2018 व 2020 में सम्मानित किया गया है।

जागरण की खबरों से डीयू ने जाना

अनिल भारत और जर्मनी की संयुक्त पहल गंगा बाक्स के मास्टर फैसलिटेटर बतौर भी कार्य कर रहे हैं। उनके कृतित्व को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबरों से मिली जानकारी पर 11सितंबर 2020 को दिल्ली विश्वविद्यालय से असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सुनीता सिंह ने विद्यालय पहुंचकर अनिल के प्रयासों को नजदीक से जाना। 17 जुलाई को डा. सुनीता सिंह, एवं रिसर्च स्कालर रश्मि पाल, काजल ने स्कूल में ही डाक्यूमेंट्री शूटिग का पहला चरण पूरा किया। राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुके हैं बच्चे

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अनिल द्वारा पढ़ाए गए बच्चे पुरस्कृत हो चुके हैं। इनमें आनंद सिंह (निबंध प्रतियोगिता-2018), कंचन सिंह (क्विज प्रतियोगिता-2019) एवं अरुण कुमार (क्वि•ा प्रतियोगिता-2019) हैं। अंकित मौर्य, संदीप मौर्य को राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता में राज्य में प्रथम स्थान एवं निधि तिवारी को मंडल में दूसरा स्थान मिला है।

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