दो घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में तड़पते रहे मरीज

जिला अस्पताल में मरीजों की जिदगी के साथ खिलवाड़ बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Aug 2019 11:30 PM (IST) Updated:Sun, 04 Aug 2019 06:23 AM (IST)
दो घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में तड़पते रहे मरीज
दो घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में तड़पते रहे मरीज

प्रतापगढ़ : जिला अस्पताल में मरीजों की जिदगी के साथ खिलवाड़ बढ़ता जा रहा है। शासन व प्रशासन की दखल के बाद भी यह थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को तो हद ही हो गई। करीब दो घंटे तक इमरजेंसी में कोई डाक्टर ही नहीं था। इससे मरीज बेहाल रहे।

इमरजेंसी यूनिट में मेडिकल अफसर के रूप में सुबह आठ बजे से दिन में दो बजे तक बजे तक डा. विवेक त्रिपाठी की ड्यूटी लगाई गई थी। दोपहर 12 बजे अचानक उनको पोस्टमार्टम ड्यूटी में लगा दिया गया। वह वहां चले गए। इसके चलते इमरजेंसी डाक्टर विहीन हो गई। कोई भी मेडिकल अफसर वहां नहीं रहा। इस दौरान कई घायल लोग आए। मारपीट, सर्पदंश के मामले के साथ ही डायरिया से बेहाल लोग पहुंचे और उनको कोई इलाज नहीं मिला। वह तड़पते रहे।

एक फार्मासिस्ट राजेंद्र यादव ही मौजूद थे। उनको मरीज घेरे हुए थे। तीमारदारों ने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया। इससे फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय सहम गए। कुछ देर बाद कुछ मरीजों को फिजीशियन डा. मनोज खत्री की ओपीडी में भेजकर इलाज कराया गया। डा. खत्री इमरजेंसी में भी राउंड पर आए, लेकिन मरीजों की भीड़ कम नहीं हो रही थी।

इस दौरान इस दौरान कुछ लोग सीएमओ के पास पहुंच गए। कहा कि मजाक बना रखा है, इमरजेंसी में लोग कराह रहे हैं, कोई देखने वाला नहीं है। इस पर जब सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव ने फोन किया तो पता चला कि चिकित्सक की ड्यूटी थी, उनको पोस्टमार्टम में भेज दिया गया है। इस पर उन्होंने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि एक ही समय में एक डाक्टर से दो ड्यूटी कैसे कराई जा रही है। इमरजेंसी को बिना डाक्टर कैसे छोड़ दिया गया, इसका कोई जवाब सीएमएस के पास नहीं था। सीएमओ की फटकार के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं हुई। दो बजे निर्धारित समय पर डा. आशुतोष इमरजेंसी आए तब जाकर मरीजों का इलाज शुरू हो सका।

नहीं लगा टांका, बहता रहा खून : लालती देवी राजगढ़ को बिच्छू ने डंक मारा था। किशुनदासपुर के गोपी वर्मा को सांप ने डसा था। अमर नाथ को हृदय संबंधी परेशानी थी। वंदना वर्मा पयागपुर कंधई गिरने से अचेत होने पर लाई गई थी। प्रवीन कुमार को गर्मी से चक्कर आ रहा था। दिनेश वर्मा किठावर हादसे में घायल था, उसे काफी देर तक टांका नहीं लग पाया। वह खून से तर था। डाक्टर के बिना एक ही फार्मासिस्ट भला किस-किस की देखभाल करता। इस दौरान वहां मौजूद अधिवक्ता शक्ति पीठ के आनंद प्रचंड व जनसत्ता दल के सह जिला प्रभारी विवेक त्रिपाठी ने प्रशासन के अफसरों को फोन करके इस मनमानी पर नाराजगी जताई।

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