केंद्रीय वित्त के करोड़ों की धनराशि पर निवर्तमान प्रधानों की नजर

सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया। ऐसे में अब ब्लाकों में एडीओ को प्रशासक बना दिया गया है। ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों का भुगतान प्रशासक ही करेंगे। ग्राम पंचायतों में हर छह माह पर केंद्रीय वित्त का पैसा ग्राम पंचायतों के खाते में आता है। दूसरी किश्त की करोड़ों की धनराशि खाते में आने वाली है। फर्म पर भुगतान कराने के लिए निवर्तमान प्रधान हर प्रयास कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 10:37 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 10:37 PM (IST)
केंद्रीय वित्त के करोड़ों की धनराशि पर निवर्तमान प्रधानों की नजर
केंद्रीय वित्त के करोड़ों की धनराशि पर निवर्तमान प्रधानों की नजर

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया। ऐसे में अब ब्लाकों में एडीओ को प्रशासक बना दिया गया है। ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों का भुगतान प्रशासक ही करेंगे। ग्राम पंचायतों में हर छह माह पर केंद्रीय वित्त का पैसा ग्राम पंचायतों के खाते में आता है। दूसरी किश्त की करोड़ों की धनराशि खाते में आने वाली है। फर्म पर भुगतान कराने के लिए निवर्तमान प्रधान हर प्रयास कर रहे हैं।

जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, मानधाता, गौरा, बिहार, आसपुर देवसरा, मंगरौरा, बाबा बेलखरनाथ धाम, सांगीपुर, लालगंज सहित अन्य ब्लाक हैं। ग्राम पंचायतों में इंटरलॉकिग, नाला व नाली निर्माण सहित कार्यों के लिए केंद्रीय वित्त खाते में भेजी जाती है। यह दो किश्त में पैसा जाता है। पहली किश्त ग्राम पंचायतों के खाते में तीन माह पहले ही भेजी जा चुकी है, जबकि दूसरी किश्त का पैसा भेजने के पहले ही ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया। ब्लाकवार प्रशासक को पूरी जिम्मेदारी दी गई है। निवर्तमान प्रधान इस तैयारी में हैं कि जैसे ही ग्राम पंचायत के खाते में पैसा आएगा, उसे प्रशासक के माध्यम से फर्म पर भुगतान कराया जाएगा।

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लगभग 25 करोड़ आएगी रकम

केंद्रीय वित्त का पैसा पंचायती राज निदेशालय से आता है। लगभग 25 करोड़ आने की उम्मीद है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में करीब दो से तीन लाख रुपये भेजा जाता है। जिले भी की ग्राम पंचायतों में लगभग 25 से 28 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।

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ग्राम पंचायतों में जो विकास कार्य हो रहे हैं। उसकी मॉनीटरिग ब्लाक के प्रशासक कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त से मिलने वाले पैसे को फर्म में भुगतान कराया जाएगा।

- रवि शंकर द्विवेदी, डीपीआरओ

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