सरोवर का जल छिड़क मां ने लगाया काजल

मां की ममता बच्चों के लिए कवच से कम नहीं होती। रविवार को भादों की छठ पर मां ने अपने पुत्र को टीके के साथ ममता का काजल भी लगाया। पुत्र की सुख व समृद्धि के लिए वह व्रत रहीं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 06:24 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:24 PM (IST)
सरोवर का जल छिड़क मां ने लगाया काजल
सरोवर का जल छिड़क मां ने लगाया काजल

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : मां की ममता बच्चों के लिए कवच से कम नहीं होती। रविवार को भादों की छठ पर मां ने अपने पुत्र को टीके के साथ ममता का काजल भी लगाया। पुत्र की सुख व समृद्धि के लिए वह व्रत रहीं।

घरों में कृत्रिम सरोवर बनाकर उसमें जल भरा। उसके किनारे कुश और ढाक के पत्ते लगाकर पूजन किया। छठ माता की पूजा करके परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र एवं सुख-समृद्धि की कामना की। सरोवर में भरा गया जल अपने बेटे पर छिड़ककर काजल व टीका करके दुलार किया व आशीर्वाद दिया। बिना हल जोते उगने वाले पसही चावल, फल का ही सेवन किया। पूजन में छह प्रकार के अनाज और महुआ दूध,दही को अर्पित किया। व्रत की कथा कही। बताया कि भगवान कृष्ण के भाई बलराम का इसी दिन जन्म हुआ था। इसलिए उसे हलषष्ठी भी कहते हैं। इसे लाल का व्रत होने से ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को देवकी ने करके कंस से अपनी अंतिम संतान को बचाया था। इस मौके पर महिलाओं ने देवी गीत भी गाए।

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