समूहों के गठन और ऋण स्वीकृति पर दिया गया जोर

शासन की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर समूह की महिलाएं विकास की इबारत लिख रही है। इससे जहां महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं वहीं दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। बैंक प्रबंधन की लापरवाही से समूह की महिलाओं को ऋण नहीं मिल पा रहा है। इससे महिलाएं बिना ऋण के कोई व्यवसाय व व्यापार नहीं कर पा रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 10:44 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 10:44 PM (IST)
समूहों के गठन और ऋण स्वीकृति पर दिया गया जोर
समूहों के गठन और ऋण स्वीकृति पर दिया गया जोर

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : शासन की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर समूह की महिलाएं विकास की इबारत लिख रही है। इससे जहां महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। बैंक प्रबंधन की लापरवाही से समूह की महिलाओं को ऋण नहीं मिल पा रहा है। इससे महिलाएं बिना ऋण के कोई व्यवसाय व व्यापार नहीं कर पा रही हैं।

विकास भवन सभागार में गुरुवार को डीसी एनआरएलएम ओपी यादव की अध्यक्षता में एक कार्यशाला हुई। उन्होंने जिला मिशन प्रबंधकों व ब्लाक मिशन प्रबंधकों से कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष समूहों के गठन में तेजी लाई जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद जिला मिशन प्रबंधक को सचेत किया कि लक्ष्य के सापेक्ष समूहों का गठन करें। कार्यशाला में समूहों के खाते में पैसा न भेजे जाने का मुद्दा उठा। उन्होंने मौजूद बैंक अफसरों से कहा कि जिन-जिन बैंकों में ऋण की फाइल भेजी गई है, उस पर अविलंब कार्रवाई किया जाए। ताकि समूहों को समय से पैसा मिल सके। बैठक में जिला मिशन प्रबंधक सुनीता सरकार, रतन कुमार मिश्रा, रतन कुमार मिश्रा, अख्तर मसूद के अलावा बैंकों के प्रबंधक व अन्य कर्मी मौजूद रहे।

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ब्लाकवार खोले जाएंगे नर्सरी

डीसी एनआरएलएम ने सभी जिला मिशन प्रबंधक व ब्लाक मिशन प्रबंधक से कहा कि हर ब्लाक में एक नर्सरी खोली जाए। जहां से नर्सरी तैयार हो। इससे लोगों को पौधरोपण करने के लिए पौधा लाने दूर नहीं जाना पड़ेगा। समूह की महिलाओं के लिए भी आजीविका के ²ष्टिकोण से भी बेहतर रहेगा।

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राशन वितरण की ली जानकारी

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं राशन वितरण कर रही हैं। पोषाहार बांट रही हैं। इसकी भी डीसी ने समीक्षा की। कहा कि अगर इसमें किसी तरह की दिक्कतें आएं, उसे अविलंब निस्तारित करें। इसके अलावा सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं को दिए जाने के बारे में चर्चा की।

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