प्रतापगढ़ में पहले भी मिलावटी शराब से होती रही हैं मौतें

जिले में मिलावटी व जहरीली शराब से मौत होना नया मामला नहीं है। अरसे से शराब माफिया राजनीतिक व पुलिस संरक्षण में अपने मुनाफे की खातिर गरीबों की जिदगी से खेलते रहे हैं। अवैध ढंग से बनने व बिकने वाली घटिया शराब का काला धंधा तभी उजागर होता है जब मौत होती है नहीं तो लोग पीते रहते हैं और माफिया कमाते रहते हैं। लालगंज तहसील क्षेत्र में पहले भी ऐसी घटना हुई है। सांगीपुर के मुरैनी गांव में तीन लोगों को शराब पी गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 10:46 PM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 10:46 PM (IST)
प्रतापगढ़ में पहले भी मिलावटी शराब से होती रही हैं मौतें
प्रतापगढ़ में पहले भी मिलावटी शराब से होती रही हैं मौतें

जासं, प्रतापगढ़ : जिले में मिलावटी व जहरीली शराब से मौत होना नया मामला नहीं है। अरसे से शराब माफिया राजनीतिक व पुलिस संरक्षण में अपने मुनाफे की खातिर गरीबों की जिदगी से खेलते रहे हैं। अवैध ढंग से बनने व बिकने वाली घटिया शराब का काला धंधा तभी उजागर होता है, जब मौत होती है, नहीं तो लोग पीते रहते हैं और माफिया कमाते रहते हैं। लालगंज तहसील क्षेत्र में पहले भी ऐसी घटना हुई है। सांगीपुर के मुरैनी गांव में तीन लोगों को शराब पी गई थी।

शराब के कहर से यह जिला कई बार चर्चा में आया। कई बार आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन के लोग मौतों को बीमारी से होना बताकर उस पर पर्दा डालते रहे। इससे इस तरह का काम करने वाले लोग मनबढ़ होकर मौत की खुराक बनाते व बेचते रहे। पिछले दिनों संग्रामगढ़ में हुई चार मौतों को पहली बार पुलिस ने मिलावटी शराब के दुष्प्रभाव से होना स्वीकार किया। यही सच्चाई पुलिस ने पहले के मामलों में भी मान ली होती, शिकंजा कसा होता तो शायद मौतों की संख्या कुछ कम होती। करीब एक दशक में जिले में डेढ़ दर्जन लोग मिलावटी व जहरीली शराब के सेवन से मौत के घाट उतर चुके हैं। 2010 में सांगीपुर थाना के के मुरैनी गांव में तीन लोगों की मौत को पुलिस ने जहरीली शराब पीने से माना था। तब सांगीपुर एसओ, दारोगा व बीट के सिपाही निलंबित हुए थे। इसके बाद पुलिस व आबकारी विभाग फिर सच को छुपाने लगे तो कोहंड़ौर, मानधाता, जेठवारा व नगर कोतवाली क्षेत्र में हुई मौतों को पुलिस व आबकारी विभाग ने बीमारी से मौत बताकर शासन के चाबुक से खुद को बचा लिया। शराब से हुई मौतों की कुछ काली तारीखों पर गौर किया जा सकता है।

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वर्ष 2010 : जनपद के सांगीपुर थाना क्षेत्र के मुरैनी गांव में तीन युवकों की मौत।

24 अप्रैल 2012 : लालगंज कोतवाली क्षेत्र के नंदा का पुरवा गांव के मुंशीलाल की मौत।

30 अगस्त 2015 : देवसरा थाना के देवरखा गांव में रामकेवल यादव की मौत।

वर्ष 2016 : बाघराय थाना क्षेत्र के मंडलभासो गांव के मछली विक्रेता श्याम सरोज की मौत।

5 जुलाई 2018 : अंतू थाना के लोहंगी गांव के पारसनाथ की मौत।

वर्ष 2019 : संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के गुंडारे गांव निवासी कल्लू की मौत।

14 मार्च 2021 : संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के मनोहरापुरा गांव में जवाहरलाल, उसकी पत्नी सुनीता, विजय कुमार और राम प्रसाद की मौत।

25 फरवरी 2021 : मानधाता थाना क्षेत्र के हरचेतपुर गांव के रामचंद्र, नगर कोतवाली क्षेत्र के रायपुर कला गांव के भोलानाथ पटेल, पूरे रामचंद्र गांव के विजय पटेल व नगर कोतवाली के कटरा इंद्रकुवर गांव के राकेश पाल की मौत।

24 फरवरी 2021 : मानधाता के अंतपुर के पूर्व प्रधान हरीबाबू, रूपपुर बुआपुर के दीनानाथ व मक्खनपुर के विनोद पटेल की मौत।

21 जनवरी 2021 : कोहंडौर के चंद्रभानपुर में रोहित ठेलकू बेड़ा, थाना व जिला नवापार, उड़ीसा, लैल निवासी कुलिया, थाना कोमा खाना, जिला महासमुंद्र, छत्तीसगढ़ की मौत।

14 मार्च 2021 : संग्रामगढ़ के मनोहरापुर में चार लोगों की चली गई जान

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