उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर किया व्रत का पारायण

प्रात: की बेला में शहर से सटे गांव बरहा स्थित सरोवर तट पर छठ पूजन करने वालों का मेला उमड़ पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:57 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:57 PM (IST)
उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर किया व्रत का पारायण
उगते सूरज को अ‌र्घ्य देकर किया व्रत का पारायण

पीलीभीत : प्रात: की बेला में शहर से सटे गांव बरहा स्थित सरोवर तट पर छठ पूजन करने वालों का मेला जुट गया। सूर्योदय से पहले ही व्रती महिलाएं सरोवर के पानी में उतर गईं। उदय होते सूर्य देव इन महिलाओं ने अ‌र्घ्य देते हुए परिवार में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के उपरांत व्रती महिलाओं ने अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत का पारायण किया। इसी के साथ सूर्य उपासना के इस महापर्व का समापन हो गया।

बुधवार को जब लगभग सारा शहर और गांवों में ज्यादातर लोग सो रहे थे, तब रेलवे कॉलोनी समेत अन्य स्थानों पर रहने वाले पूर्वांचल व बिहार के लोगों के परिवार के लोग छठ पूजा के अंतिम पड़ाव की तैयारी में व्यस्त रहे। भोर होने से पहले व्रती महिलाएं और छठ पूजन करने वाले अन्य श्रद्धालुओं का सरोवर तट पर मेला जुट गया। वहां पर लाउडस्पीकर पर बजते छठ मैया के लोकगीतों से वातावरण भक्तिमय रहा। सूर्योदय से कुछ देर पहले व्रती महिलाएं सरोवर में कमर तक जल में उतर गईं। हाथों में पूजन सामग्री लिए उन सभी को सूर्यदेव के उदय होने का इंतजार रहा। पूर्वी क्षितिज पर जैसे जैसे लालिमा बढ़ती गई। पूजन करने वाले भी सक्रिय होते गए। उदय होते सूर्य को व्रती महिलाओं ने अ‌र्घ्य देते हुए अपने परिवार में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही फिर अगले साल इस व्रत को रखने की शक्ति देने के लिए छठ मइया की आराधना की गई। बाद में अपने व्रत का पारायण किया। मैं कई साल से छठ का व्रत रह रही हूं। छत्तीस घंटे तक निर्जल व्रत रखने के बाद भी शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं आती। यह छठ मइया का की महिमा है, जो वह व्रत को पूरी करा देती हैं।

निर्मला राय, रेलवे कॉलोनी

हम लोग उदय होते सूर्य की पूजा करते हुए यह कामना भी करते हैं कि अगले साल परिवार में फिर छठ का व्रत रखने का मइया अवसर दें। उनकी कृपा से ही परिवार में सुख-शांति रहती है। परिवार बढ़ता है।

समीक्षा, रेलवे कॉलोनी

छठ का व्रत रखते हुए लंबा समय हो गया है। हर साल इस व्रत के आते ही परिवार में उत्साह छा जाता है। सभी लोग मिलकर छठ पूजा की तैयारी कई दिन पहले ही शुरू कर देते हैं। पर्व संपन्न हो गया, तब शांति मिली।

सच्चन देवी, रेलवे कॉलोनी

हम लोगों के परिवारों में छठ पूजा का सबसे अधिक महत्व है। त्योहार तो सभी मनाए जाते हैं,लेकिन छठ पर्व की तो बात ही अलग होती है। सामूहिक रूप से पूजन करने पर आपसी प्रेम में बढ़ोतरी होती है।

रामपरी, रेलवे कॉलोनी

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