UP News: आग से झुलसे सफाईकर्मी ने भी तोड़ा दम, 30 मार्च को हुआ था भयंकर हादसा; स्वजन ने शव रखकर जताया विरोध
रसोई गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण लगी आग से झुलसे सफाईकर्मी की भी गुरुवार को मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी दो बेटी व पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। स्वजन ने अप्रैल माह का वेतन खाते में न पहुंचने की वजह से सफाईकर्मी का शव नगर निगम के रोशनी गोदाम में रखकर विरोध जताया। नगर आयुक्त के समझाने पर शव हटाया गया।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। रसोई गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण लगी आग से झुलसे सफाईकर्मी की भी गुरुवार को मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी, दो बेटी व पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। स्वजन ने अप्रैल माह का वेतन खाते में न पहुंचने की वजह से सफाईकर्मी का शव नगर निगम के रोशनी गोदाम में रखकर विरोध जताया। नगर आयुक्त के समझाने पर शव हटाया गया।
सदर क्षेत्र के दिलाजाक मुहल्ला निवासी भैयालाल नगर निगम में संविदा सफाईकर्मी थे। 30 मार्च की सुबह चार बजे उन्होंने घर में चाय बनाने के लिए गैस चूल्हा जलाने के लिए जैसे ही लाइटर जलाया आग लग गई थी। कमरे में सो रहे उनके सफाईकर्मी बेटे अनुज, बहू रोहिणी, पोती राशी, अंशिका उर्फ अनुष्का के साथ खुद भी गंभीर रूप से झुलस गए थे। तीन अप्रैल को अनुष्का की मृत्यु हो गई थी।
इसके बाद आठ अप्रैल को भैया लाल ने दम तोड़ दिया था। 21 अप्रैल को राशि व 22 अप्रैल को रोहिणी ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। अनुज करीब 15 दिनों से अपने घर में ही जिंदगी व मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे। गुरुवार सुबह करीब दस बजे अनुज की भी सांसे थम गई। पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव लेकर सीधे नगर निगम के रोशनी गोदाम में पहुंच गए।
भाई अर्जुन ने कहा कि निगम के अधिकारियों से आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए अप्रैल माह का वेतन खाते में भेजने का आग्रह किया था लेकिन वेतन नहीं भेजा गया।करीब एक घंटे तक शव गोदाम में रखा रहने के बाद नगर आयुक्त डा. विपिन कुमार मिश्रा ने अर्जुन व उनके अन्य स्वजन से फोन पर बात कर शुक्रवार को कार्यालय वार्ता के लिए बुलाया। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया जिसके बाद शव घर लेकर चले गए।