गांवों में तेंदुए का आतंक, कुत्तों और पड्डे का किया शिकार

नेपाल सीमावर्ती गांवों में तेंदुआ का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तेंदुआ ने कुत्तों को निवाला बना लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 10:45 PM (IST)
गांवों में तेंदुए का आतंक, कुत्तों और पड्डे का किया शिकार
गांवों में तेंदुए का आतंक, कुत्तों और पड्डे का किया शिकार

रमनगरा (पीलीभीत): नेपाल सीमावर्ती गांवों में तेंदुआ का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तेंदुआ दिन छिपते ही घरों में घुसकर पालतू पशुओं का शिकार कर रहा है। वन विभाग उसकी लोकेशन तक ट्रेस नहीं कर पा रहा है। तीसरा तेंदुआ आने से लोगों में दशहत है।

पांच माह से बार्डर क्षेत्र के लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। दो तेंदुआ चार माह तक आतंक मचाकर पालतू पशुओं को निशाना बनाते रहे और लोगों पर भी हमला किया। कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने दोनों तेंदुओं को कैद कर उन्हें जंगल में छोड़ दिया लेकिन आठ दिन बाद ही एक तीसरे तेंदुए की दस्तक हो गई। एक माह से तेंदुआ लोगों के घरों में घुसकर उनके मवेशियों पर हमला कर रहा है। ग्रामीण रातें जागकर काटने को मजबूर हैं। शाम होते ही वह आतंक मचाने लगता है। गुरुवार की रात तेंदुआ बूंदीभूड़ के एक ग्रामीण के घर में घुस गया। दो माह के पड्डे को शिकार बना लिया। लोगों के शोर शराबा करने पर गन्ने के खेत में भाग गया। इसी रात में रमनगरा गांव के ग्रामीण गोपाल मंडल और प्रभास राय के घर में तेंदुआ घुसकर दो कुत्तों को उठा ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि शोर शराबा पर जब वह जागे तो तेंदुए के साथ दो छोटे बच्चे भी दिखाई दिए। तेंदुआ कुत्ते को पास के गन्ने के खींच ले गया, जहां उसके पगमार्क देखे गए। ग्रामीणों ने तेंदुए से निजात दिलाने की मांग की है। सूचना पार डिप्टी रेंजर गिरीशचंद्र श्रीवास्ताव ने मौका पर पहुंचकर निरीक्षण किया। अधखाए पड्डे के शव को दफन करा दिया।

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