भूकटान से ट्रांस क्षेत्र के गांवों में हाहाकार

रमनगरा क्षेत्र में शारदा नदी का कटान रोकने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Aug 2018 10:19 PM (IST) Updated:Wed, 22 Aug 2018 10:19 PM (IST)
भूकटान से ट्रांस क्षेत्र के गांवों में हाहाकार
भूकटान से ट्रांस क्षेत्र के गांवों में हाहाकार

कलीनगर (पीलीभीत) : रमनगरा क्षेत्र में शारदा नदी का कटान रोकने के लिए शासन को भेजे गए किसी भी प्रोजेक्ट की मंजूरी और बजट समय से न मिलने के कारण बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता कामचलाऊ बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर सरकारी धन को बहा रहे हैं। ट्रांस क्षेत्र के गांवों में भूकटान से हाहाकार मचा है।

शारदा नदी हर साल बरसात के दिनों में भयंकर रूप धारण कर किसानों की कृषि भूमि, फसलें और मकानों को निगलकर दर दर का भिखारी बनाती रही है। इस नदी द्वारा 2 वर्ष पहले सीमांत गांव कुतिया कवर में जगबूढ़ा नदी के साथ मिलकर कृषि भूमि पर फसलों का कटान करते हुए आबादी की ओर बढ़ना शुरू कर दिया था। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से रमनगरा क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रोजेक्टों के लिए बजट आवंटित न किए जाने के कारण नदी तबाही मचाती रहती है। बाढ़ खंड के अभियंता कामचलाऊ कार्य करा कर कटान रोकने का प्रयास तो करते हैं लेकिन नदी की तेज धारा में सब कुछ समा जाता है। पिछले वर्ष भुजिया क्षेत्र में बनाए गए अधिकांश कटर नदी में समा चुके हैं। इन दिनों नलडेगा, नगरिया खुर्द कलां, रमनगरा, भुजिया, धुरिया, पुलिया आदि क्षेत्रों में कृषि भूमि और फसलों का कटान नदी करके आबादी की ओर पैर पसार रही है। क्षेत्रीय जनता प्रदेश की सरकार और जनप्रतिनिधियों को कोस रही है। पूर्व विधायक ने जताई नाराजगी शारदा नदी के कटान से रमनगरा गांव में 120 एकड़ कृषि भूमि शारदा नदी में समा गई हैं। पूर्व विधायक पीतमराम ने रमनगरा गांव में क्षेत्र का दौरा करके पीड़ित किसानों से जानकारी ली। बचाव कार्य मानक के अनुरूप न होने और कम से कम मजदूर लगाकर कराए जा रहे कार्य की शिकायत की। इस बात पर पूर्व विधायक ने बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता से फोन पर बात की और बताया कि अधिक से अधिक मजदूर लगाकर बचाव कार्य कराया जाए। उनके वहां से वापस आने के बाद वहां पर किसानों ने विभाग द्वारा जो बचाव कार्य कराए जा रहे थे उन्हें रोक दिया गया। अभियंता से शिकायत पर रमनगरा चौकी इंचार्ज सतपाल ¨सह ने किसानों को समझाकर दोबारा बचाव कार्य शुरू कराया गया। सुरेश राहा, राजेश्वर प्रसाद, भूदेवदास, कश्मीर ¨सह, कर्जा ¨सह, बलदेव ¨सह आदि लोग मौजूद थे।

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