जो बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठा शहर

कौमकी सलामती के लिए अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले 10वें गुरू गो¨बद ¨सह जी के प्रकाश उत्सव पर रविवार को श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेका और सतश्री अकाल जो बोले सो निहाल के जयकारे लगाए। विभिन्न गुरुद्वारों में पहुंच कर अलग-अलग धर्मों के परिवारों ने बढ़-चढ़कर कीर्तन व सेवा मे भाग लिया। बड़ों के साथ-साथ बच्चें भी सेवा करने के लिए गुरुद्वारों में पहुंचे। कई नन्हे बच्चे पानी, रोटी आदि परोसते नजर आए। सेक्टर-12 के गुरुद्वारा श्री हरिकृष्ण साहिब में सुखमणि साहिब

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jan 2019 10:39 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jan 2019 10:39 PM (IST)
जो बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठा शहर
जो बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठा शहर

जागरण संवाददाता, नोएडा: कौम की सलामती के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले 10वें गुरु गो¨वद ¨सह जी के प्रकाश उत्सव पर रविवार को श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेका और सतश्री अकाल जो बोले सो निहाल के जयकारे लगाए। विभिन्न गुरुद्वारों में पहुंच कर अलग-अलग धर्मों के परिवारों ने बढ़-चढ़कर कीर्तन व सेवा मे भाग लिया। बड़ों के साथ-साथ बच्चें भी सेवा करने के लिए गुरुद्वारे में पहुंचे। कई नन्हें बच्चे पानी, रोटी आदि परोसते नजर आए। सेक्टर-12 के गुरुद्वारा श्री हरिकृष्ण साहिब में सुखमणि साहिब का पाठ व उसके बाद कीर्तन किया गया। इसके साथ ही सुबह 10 बजे के बाद अरदास की गई। इसके अलावा सेक्टर-18 स्थित गुरुद्वारे में सुबह से लेकर देर शाम तक शबद-कीर्तन का कार्यक्रम चलता रहा। प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा साहिब को फूलों और रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था। सुखमनी साहिब और श्री अखंड साहिब के पाठ के अलावा हजारों लोगों ने लंगर का प्रसाद भी चखा। श्री गुरु ¨सह सभा गुरुद्वारा सगंत के सदस्य गुरप्रीत ¨सह ने बताया कि गुरुद्वारा में करीब 15 हजार लोगों ने आकर मत्था टेका। सबसे पहले निशान साहिब का चोला बदलकर उनकी सेवा की गई। सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक शबद-कीर्तन का आयोजन किया गया। शाम 5 बजे से लेकर रात 11:30 तक दोबारा शबद-कीर्तन किया गया।

इसके अलावा सेक्टर-37 स्थित गुरुद्वारे में जन्मदिवस के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। यहां संगत सुबह से ही माथा टेकने के लिए पहुंचने लगी थी और देर रात तक माथा टेका। इस मौके पर गुरुद्वारों में रागी जत्थों ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। गुरुद्वारा के ग्रंथी ने बताया कि दशम पिता गुरु गोविंद ¨सह ने संदेश दिया था कि धर्म सबसे ऊपर है। गुरु साहिब के चारों साहिबजादों ने अपनी जान देकर धर्म व कौम की रक्षा की थी।

chat bot
आपका साथी