बेसहारा पशुओं की जिंदगी छीन रहे खुले मैनहोल

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में हादसों को रोकने के लिए कितना संजीदा है इसका अंदाजा शहर में खुले सीवर के मैनहोल को देखकर लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 08:25 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 08:25 PM (IST)
बेसहारा पशुओं की जिंदगी छीन रहे खुले मैनहोल
बेसहारा पशुओं की जिंदगी छीन रहे खुले मैनहोल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में हादसों को रोकने के लिए कितना संजीदा है, इसका अंदाजा शहर में खुले सीवर के मैनहोल को देखकर लगाया जा सकता है। भीड़ वाले इलाकों में सीवर के खुले पड़े मैनहोल आए दिन दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। अक्सर इन मैनहोल में गोवंश फंसे रहते हैं। पिछले एक महीने में करीब दो दर्जन से अधिक स्थानों पर सीवर व खुले नालों में गोवंश गिरने के मामले सामने आ चुके हैं।

इसकी शिकायत लोग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आलाधिकारियों से करते हैं, लेकिन यहां उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिलता। मौजूदा हालात ऐसे है कि खुले मैनहोल से शहर में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। सेक्टर बीटा दो निवासी व समाजसेवी हरेंद्र भाटी ने बताया कि बीटा एक सेक्टर में जगह-जगह मैनहोल खुले पड़े है। कई बार गोवंश इनमें गिर जाते हैं। सूचना पर प्राधिकरण का अमला गोवंश निकलकर इतिश्री कर लेता है। इन मैनहोल को ढकने की जहमत नहीं उठाता। बच्चों को लेकर भी बना रहता है खतरा

सेक्टर के खुले मैन होल बंद न होने से वाहन चालक तो दूर, कई बार पैदल लोग भी इसमें गिर जाते हैं। छोटे बच्चों की जिंदगी को लेकर भी लोग सशंकित रहते हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा कोई सेक्टर नहीं, जहां खुले नाले हादसों को न्योता न दे रहे हो। खुले नालों व मैनहोल में पशुधन के गिरकर घायल होने या मौत के मुंह में समाने की समस्या अब आम हो गई है। बीटा एक सेक्टर में सोमवार को भी एक गोवंश मैनहोल में गिरकर चोटिल हो गया। उसे काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। इसके बावजूद प्राधिकरण स्तर से मैनहोल को ढंकने के लिए ढक्कन नहीं लगाया जा रहा है।

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