Chinese Spy Arrested: पढ़िये- चीनी रूप धरकर कैसे उत्तर प्रदेश एटीएस ने जासूसों को दबोचा
Chinese Spy Arrested चीनी लोगों की तरह दाढ़ी रखकर हुलिया वेश-भूषा ही नहीं बल्कि नाम तक बदल कर पुलिसकर्मी गुरुग्राम के होटल में ठहरे। वहां आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रखी और मौका पाते ही उन्हें धर दबोचा।
नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। चीन के जासूसों को पकड़ने के लिए जांच एजेंसी (एटीएस) की टीम में शामिल अधिकारियों ने चीनी रूप अपनाया। साइबर इकोनामिक फ्राड व जासूसी के मामले में अब तक चीन के तीन नागरिकों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इन विदेशियों को पकड़ने के लिए यूपी एटीएस की टीम ने चीनी भाषा सीखी। चीनी लोगों की तरह दाढ़ी रखकर, हुलिया, वेश-भूषा ही नहीं, बल्कि नाम तक बदल कर पुलिसकर्मी गुरुग्राम के होटल में ठहरे। वहां आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रखी और मौका पाते ही उन्हें धर दबोचा। बुधवार को गुरुग्राम स्थित सेक्टर-24 से दबोचे गए तीसरे चीनी नागरिक सन जिंग ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां जांच एजेंसी को दी है। वह होटल मालिक से पिछले एक साल से संपर्क में था। सन जिंग की गिरफ्तारी से तीन दिन पूर्व दो चीनी नागरिक पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंगली और जू जुंफू को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों ने दावा किया है कि फर्जी आइडी पर खरीदे गए प्री एक्टिवेट सिम चीन भेजे गए थे। चीन भेजने से पहले उस नंबर पर रिचार्ज कराया गया था। खुफिया सैन्य जानकारियां लीक करने की आशंका के तहत तीनों चीनी नागरिकों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। अलग-अलग जांच एजेंसियां रिमांड के दौरान पूछताछ करने आएंगी। तीनों से सेना के अधिकारी भी पूछताछ करेंगे।
इंडियन ट्रांसलेटर की भूमिका की हो रही जांच
बिजनेस या फिर टूरिस्ट वीजा पर भारत आने वाले चीनी नागरिक अक्सर इंडियन ट्रांसलेटर के साथ देखे जाते हैं। चीनी नागरिक को अंग्रेजी और हिंंदी दोनों भाषा नहीं आने से वह इंडियन ट्रांसलेटर की मदद लेते हैं। ट्रांसलेटर पूर्व से चीनी भाषा के विशेषज्ञ होते हैं जो कि अंग्रेजी व हिंदी को अनुवाद कर चीनी भाषा में चीनी नागरिक को बताते है। गुरुग्राम स्थित होटल में आने-जाने वाले इंडियन ट्रांसलेटर की भूमिका की जांच हो रही है कि कहीं उनकी भी साइबर फ्राड के मामले में संलिप्तता तो नहीं है।
यह था मामला
यूपी एटीएस ने साइबर फ्राड करने वाले दो चीनी नागरिक पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंगली और जू जुंफू को बीते रविवार को नोएडा से गिरफ्तार किया था। दोनों ने एक साल में फर्जी आइडी से एक हजार सिम खरीद कर गुरुग्राम स्थित एक चाइनीज होटल के मालिक को सप्लाई किए थे। सिम से आनलाइन खाते खोलकर साइबर फ्राड को अंजाम दिया जाता था। खातों में आने वाली रकम अलग-अलग देशों की होती थी। दोनों आरोपितों के खिलाफ पहले ही रेड कार्नर व ब्लू कार्नर नोटिस जारी थे। दोनों की वीजा अवधि सितंबर 2020 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद भी अवैध तरीके से भारत में रह रहे थे।
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