Noida News: इसगेस कंपनी पर रैंसमवेयर साइबर हमला, बिटकाइन में मांगी फिरौती

Ransomware Cyber Attack on Noida Company नोएडा स्थित एक कंपनी पर साइबर हमला किया गया है। यह कंपनी इसगेस हैवी इलेक्ट्रानिक लिमिटेड (आइएसजीईसी) है। रैंसमवेयर साइबर हमला कर बिटकाइन में फिरौती मांगी गई है। साइबर अटैक से व्यापार प्रभावित हुआ है।

By MOHD BilalEdited By: Publish:Sat, 25 Jun 2022 09:50 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jun 2022 10:08 PM (IST)
Noida News: इसगेस कंपनी पर रैंसमवेयर साइबर हमला, बिटकाइन में मांगी फिरौती
इसगेस कंपनी पर रैंसमवेयर साइबर हमला, बिटकाइन में मांगी फिरौती

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। सेक्टर-24 स्थित इसगेस हैवी इलेक्ट्रानिक लिमिटेड (आइएसजीईसी) कंपनी पर रैंसमवेयर साइबर हमला हुआ है। साइबर जालसाजों ने कंपनी के सर्वर पर अटैक कर उसके कंप्यूटरों में रैंसमवेयर वायरस डाल दिया। इसके बाद कंपनी से बिटकाइन में फिरौती मांगी है।

साइबर अटैक से व्यापार प्रभावित हुआ है। कंपनी ने सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में शिकायत की है। पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुटी है। पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-24 में स्थित इंजीनियरिंग कंपनी इसगेस हैवी इलेक्ट्रानिक लिमिटेड (आइएसजीईसी) कंपनी के आइटी हेड संजय कुमार ने बताया है कि कंपनी के सर्वर को इस महीने की शुरुआत में अज्ञात साइबर हमलावरों ने हैक कर लिया।

इसके बाद उसमें रैंसमवेयर वायरस डाल दिया है। इससे उनके कंपनी के डाटा को बड़ी क्षति हुई है। साइबर हमलावरों ने कंपनी के सभी सिस्टम और फाइलों पर नियंत्रण पा लिया है। इसे फिर से चालू करने के बदले साइबर जालसाज उनकी कंपनी से लाखों रुपये बिटकाइन के रूप में मांग रहे हैं।

कंपनी पर पहली बार सात जून को साइबर अटैक हुआ था। इसके बाद उनके कंपनी के सभी सिस्टम काम करना बंद कर दिए। कंपनी में लगे सभी सिस्टम पर एक चैट बाक्स दिखने लगा। इससे जालसाज कंपनी के सर्वर को अनलाक करने के बदले बिटकाइन में लाखों रुपये मांगने लगे।

उधर, साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि कंपनी के आइटी हेड की शिकायत को दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की एक टीम मामले की जांच कर रही है। मेलवेयर के स्रोत का पता लगाने के लिए कंप्यूटर सिस्टम की फोरेंसिक जांच भी करेंगे। रैंसमवेयर साइबर हमला इन दिनों दुनियाभर की आइटी और फार्मा कंपनियों के लिए चिंता बना हुआ है।

रैंसमवेयर साइबर हमले से बचाव के उपाय

प्रोग्राम और एप्स सुरक्षा कमियों से निपटने के लिए समय-समय पर अपडेट और पैच जारी करते हैं। इन पैच और अपडेट को इंस्टाल करने से रैंसमवेयर अटैक का खतरा कम हो जाएगा। कई साफ्टवेयर प्रोग्राम आटोमैटिक अपडेट के साथ आते हैं, इसलिए बिना किसी देरी के इन अपग्रेड को लेने के लिए अपने संस्थान की डिवाइस को सेट करना अच्छा विकल्प होगा। यह काम मैनुअल भी हो सकता है।

सिस्टम रैंसमवेयर हमले का शिकार हो गया है तो हैकर्स की एन्क्रिप्शन की के बिना आप अपने डाटा एक्सेस नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अपने डाटा को सुरक्षित रखने के लिए सीधे नेटवर्क कनेक्शन के बिना क्लाउड आधारित स्टोरेज साल्यूशन या सर्वर का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। आप इस तरह से डाटा को रिस्टोर सकते हैं। ऐसे में आपको फिरौती देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

हैकर्स नेटवर्क पर आने वाले खतरों से अवगत रहते हैं। इसलिए आपके कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को हैक करने के लिए मालिशस कोड बनाते हैं। अगर एक एंटीवायरस साफ्टवेयर इंस्टाल कर लेते हैं, तो सिस्टम सुरक्षित रह सकता है।

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