अखिलेश यादव जुटे मिशन 2022 की तैयारी में, नोएडा सीट के लिए SP से सामने आए 8 दावेदार

UP Assembly Election 2022 नोएडा विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर आगामी वर्ष-2022 के चुनाव लड़ने के इच्छुक आठ उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यालय में आवेदन किया है। इनमें पिछले दो बार से प्रत्याशी रहे सुनील चौधरी का भी नाम है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 10:43 AM (IST)
अखिलेश यादव जुटे मिशन 2022 की तैयारी में, नोएडा सीट के लिए SP से सामने  आए 8 दावेदार
नोएडा की सीट सपा के लिए आसान नहीं है, क्योंकि वर्तमान में यह सीट भाजपा के खाते में है।

नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय बचा है, ऐसे में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी समते तमाम राजनीतिक दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। इस कड़ी में नोएडा विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर आगामी वर्ष-2022 के चुनाव लड़ने के इच्छुक आठ उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यालय में आवेदन किया है। इनमें पिछले दो बार से प्रत्याशी रहे सुनील चौधरी का भी नाम है। सपा नेता मोहम्मद तसलीम, राहुल अवाना, मोहम्मद नौशाद, टीटू यादव, अशोक प्रधान व लखन यादव व आश्रय गुप्ता ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए आवेदन किया है।

सपा प्रवक्ता विनोद कुमार (बिल्लू) ने बताया कि जिस किसी को भी पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी। कार्यकर्ता उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। चुनाव प्रचार में लोगों को सपा शासनकाल में हुए कार्यों को गिनाया जाएगा। सत्ता पक्ष की नाकामियों को जनता के समक्ष रखा जाएगा। किसान, रोजगार, महंगाई, पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम के साथ कोरोना की रोकथाम के प्रबंध की लापरवाही को बताया जाएगा। गौरतलब है उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब एक साल से कम का समय बचा है। इसलिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि नोएडा की सीट सपा के लिए आसान नहीं है, क्योंकि वर्तमान में यह सीट भाजपा के खाते में है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कई सहयोगी दलों के साथ धमाकेदार जीत हासिल की थी। 2017 यूपी विधानसभा के लिए चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए थे। इन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगभग 61 फीसद रहा था। ढाई दशक बाद यूपी में वापसी करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया था, जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबंधन को  सिर्फ 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इस बार सपा, कांग्रेस और बसपा के अलग-अलग चुनाव लड़ने के आसार हैं।

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