जेल में असहज स्थिति से निपटने का किया अभ्यास

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जिला जेल में बंदियों के बीच किसी प्रकार के विवाद की स्थिति से निपटने को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में तीन घंटे तक मॉक ड्रिल हुई। टीम ने बॉडी प्रोटेक्टर किट पहनकर अभ्यास किया। शुरू में बंदियों ने सोचा कुछ घटना हो गई है। बाद में सभी को वास्तविकता से अवगत कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 07:14 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 07:14 PM (IST)
जेल में असहज स्थिति से निपटने का किया अभ्यास
जेल में असहज स्थिति से निपटने का किया अभ्यास

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिला जेल में बंदियों के बीच किसी प्रकार के विवाद की स्थिति से निपटने को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में तीन घंटे तक मॉक ड्रिल हुई। टीम ने बॉडी प्रोटेक्टर किट पहनकर अभ्यास किया। शुरू में बंदियों ने सोचा कुछ घटना हो गई है। बाद में सभी को वास्तविकता से अवगत कराया गया।

जेल में 2500 से अधिक बंदी हैं। इनके बीच अक्सर विवाद होता रहता है। इस कारण किसी भी समय असहज स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे निपटने को जेल प्रबंधन को 25 जोड़ी बॉडी प्रोटेक्टर किट उपलब्ध कराई गई थी। जेल में किसी भी समय उत्पन्न होने वाली असहज स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को दिन में 12 बजे रिहर्सल शुरू हुआ। अभियान का नेतृत्व जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने किया। साथ ही पीएसी के जवान भी शामिल हुए। मॉक ड्रिल में दृश्य तैयार किया गया कि नवांतुक हाते में बंदियों के बीच विवाद हुआ है। टीम के सदस्य तत्काल बॉडी प्रोटेक्टर किट पहनकर जेल में पहुंचे। योजना के तहत टीम ने पहले जेल की दूसरे बैरकों को बंद किया। वहां पर सुरक्षा तैनात की, इसके बाद स्थिति को निपटाया। विपिन कुमार मिश्रा ने बताया यह अभ्यास किया गया कि ड्रेस को कितनी जल्दी पहनकर स्थिति को जल्द से जल्द कंट्रोल किया जाए। मॉक ड्रिल पूरी तरह से सफल रही। जेलर सत्य प्रकाश ने बताया जेल में सीन क्रिएट करने के बाद उसे नियंत्रित करने के लिए मॉक ड्रिल की गई।

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