एनएचएम के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के साथ फार्मासिस्ट के कार्य बहिष्कार से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचम) के तहत कार्यरत सैकड़ों संविदा स्वास्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:00 PM (IST)
एनएचएम के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के साथ फार्मासिस्ट के कार्य बहिष्कार से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
एनएचएम के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के साथ फार्मासिस्ट के कार्य बहिष्कार से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण संवाददाता, नोएडा : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचम) के तहत कार्यरत सैकड़ों संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से पहले से जिले की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। वहीं शनिवार को डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सी गई। सबसे अधिक प्रभाव वैक्सीनेशन एवं कोरोना टेस्टिग पर पड़ रहा है।

कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को शासन से टीकाकरण के साथ संदिग्धों की टेस्टिग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा कार्यस्थल पर भी शिविर लगने हैं। जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना वैक्सीनेशन और टेस्टिग होनी है। चूंकि इन शिविर में जाने वाली टीमों में संविदा कर्मचारी लगते हैं, लेकिन एनएचएम की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ओपीडी, आइपीडी, आपातकालीन विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है। जहां कई महत्वपूर्ण आपरेशन टालने पड़ रहे हैं। वहीं ओपीडी में देरी से आने वाले मरीजों को इलाज और परामर्श के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसके साथ ही डाटा एंट्री आपरेटर के हड़ताल पर होने से विशेष तौर पर कंप्यूटर डाटा एंट्री नहीं हो पा रही है। सीएमओ डा. सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि शासनस्तर से कर्मचारी संगठन से बातचीत हो रही है। शीघ्र समाधान निकलेगा। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आरएन बरेला ने कहा कि रविवार से बुधवार तक फार्मासिस्ट काला फीता बांधकर काम करेंगे। वहीं फार्मासिस्ट भीम सिंह चौहान ने कहा कि वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया। 20 सूत्रीय मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। सरकार से शीघ्र मांगों को पूरा करने की मांग की। चेताया कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन के लिए विवश होंगे।

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