ढाक की धुन पर महिलाओं ने की धुनुचि आरती

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा दुर्गा पूजा पंडालों में शनिवार को ढाक की धुन पर धुनुचि आरती हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 05:10 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:10 PM (IST)
ढाक की धुन पर महिलाओं ने की धुनुचि आरती
ढाक की धुन पर महिलाओं ने की धुनुचि आरती

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : दुर्गा पूजा पंडालों में शनिवार को ढाक की धुन पर धुनुचि आरती हुई। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बंगाली समाज ने माता दुर्गा की आराधना की। गौर सिटी स्थित दादा-दादी पार्क में चल रहे दुर्गा महोत्सव में धुनुचि आरती के दौरान सीमित संख्या में लोग शामिल रहे। धुनुचि आरती के साथ महिलाओं ने ढाक की धुन पर नृत्य किया।

सेक्टर पाई स्थित कालीबाड़ी मंदिर में भी सुबह आरती, प्रसाद वितरण के साथ अष्टमी का पूजन हुआ। कोरोना के मद्देनजर मंदिर समिति ने इस बार धुनुचि नृत्य न करने का फैसला लिया था। हालांकि कार्यक्रम के अंत में धुनुचि नृत्य की औपचारिकता पूरी की गई, ताकि प्राचीन परंपरा न टूटे। पूजा समिति संचालकों के मुताबिक, सुबह-शाम मां की पूजा हो रही है। कोरोना के ²ष्टिगत इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित न करने का फैसला लिया गया है। क्या होती है धुनुचि आरती

यह बंगाली समाज की मां दुर्गा की पूजा करने व उत्सव मनाने की प्राचीन परंपरा है। धुनुचि आरती के दौरान महिलाएं मिट्टी से बने धुनुचि को हाथ में लेकर नृत्य करती है। धुनुचि में साल (वृक्ष) के रस को जलाया जाता है, जिससे सुगंधित धुआं निकलता है। इससे धुनुचि नृत्य का आनंद दोगुना हो जाता है। इस आरती में महिलाओं के साथ कुछ पुरुष भी हिस्सा लेते हैं। धुनुचि नृत्य के बाद इस पर्व में सिदूर खेला की रस्म भी निभाई जाती है, जो मां की विदाई यानि मां की मूर्ति के विसर्जन से ठीक पहले होती है। मां का विर्सजन सोमवार को होगा। इससे पहले रविवार को महानवमी मनेगी। वर्जन.. सुबह-शाम मां की पूजा की जा रही है। शनिवार को ढाक की थाप के साथ धुनुचि नृत्य में बहुत कम संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। सोमवार को सिदूर खेला के साथ मां की प्रतीमा का विर्सजन होगा।

-सजल तिवारी, महासचिव, बंगाली कल्चरल एसोसिएशन सुबह आरती के साथ अष्टमी पूजन हुआ। परंपरा न टूटे, इसलिए धुनुचि नृत्य की केवल औपचारिकता पूरी की गई। इस बार सिदूर खेला व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित न करने का फैसला लिया गया है।

-मनिदरा मंडल, महासचिव, शारदीय सांस्कृतिक समिति, कालीबाड़ी मंदिर

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