कोरोना से जंग के अनुभव बांट हिम्मत बंधा रहे अतुल

पहली ही लहर में संक्रमित होकर अपनी हिम्मत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कोरोना को मात देने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया के सहायक प्रबंधक अतुल तिवारी अब लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं। कोरोना से लड़ने के अनुभव को वह आनलाइन साझा करते हैं और बताते हैं कि आक्सीजन की कमी होने पर किस तरह पेट के बल पर लेटकर कोरोना से जंग जीती जा सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 11:12 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 11:12 PM (IST)
कोरोना से जंग के अनुभव बांट हिम्मत बंधा रहे अतुल
कोरोना से जंग के अनुभव बांट हिम्मत बंधा रहे अतुल

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पहली ही लहर में संक्रमित होकर अपनी हिम्मत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कोरोना को मात देने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया के सहायक प्रबंधक अतुल तिवारी अब लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं। कोरोना से लड़ने के अनुभव को वह आनलाइन साझा करते हैं और बताते हैं कि आक्सीजन की कमी होने पर किस तरह पेट के बल पर लेटकर कोरोना से जंग जीती जा सकती है।

गत वर्ष भी कोरोना ने अपना प्रकोप दिखाया था। यूनियन बैंक आफ इंडिया के सहायक प्रबंधक अतुल तिवारी भी उसी लहर में संक्रमित हो गए थे। इलाहाबाद में राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात पत्नी ने उन्हें घर लौटने की सलाह दी थी, लेकिन अतुल तिवारी ने कमरे पर ही आइसोलेट होकर उपचार शुरू कराया था। संक्रमण के दूसरे सप्ताह में ही अतुल को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अतुल बताते हैं कि जब उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई तो यह काफी डरावना अनुभव था। लेकिन उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उपचार को आगे बढ़ाया और हास्पिटलाइज हुए बिना फोन के माध्यम से ही चिकित्सकों से सलाह ली। बताया कि दवाइयों तथा योग एवं आसन के माध्यम से उन्होंने आक्सीजन की कमी पर जीत हासिल की। बताया कि एक चिकित्सक ने जब उन्हें पेट के बल पर ही अधिक समय लेटे रहने की सलाह दी थी तो उन्हें अजीब सा लगा था, लेकिन इस सलाह पर अमल से उन्होंने बीमारी पर विजय पाई। अब वे लोगों को मोबाइल से ही कोरोना से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं।

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