सीएचसी में महिला को बंद करने के मामले में एक सस्पेंड,पूरे स्टाफ का ट्रांसफर Muzaffarnagar News
शुक्रवार को सीएचसी में महिला मरीज को नौ घंटे तक बंद करने के मामले में सीएमओ ने एक कर्मचारी को निलंबित करने के साथ ही समस्त स्टाफ को ट्रांसफर कर दिया है।
मुज़फ्फरनगर,जेएनएन। सीएचसी में महिला मरीज को बंद करने के मामले में सीएमओ ने एक कर्मचारी को निलंबित करने के साथ ही समस्त स्टाफ को ट्रांसफर कर दिया है। शुक्रवार के मामले में शनिवार को कार्रवाई की गई है।
इनका किया गया तबादला
सीएमओ ने बताया सीएचसी पर तैनात वार्ड ब्वॉय संदीप कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मोहित,चीफ फार्मासिस्ट नैनवाल कुंडियाल, फार्मासिस्ट प्रवीण कुमार,वायलेट स्टाफ नर्स लवी सिंह का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया है।
जांच एसीएमओ को सौंपी
सीएमओ डॉक्टर पीएस मिश्रा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच एसीएमओ डॉक्टर बीके ओझा को सौंपी गई है।
यह था मामला
शुक्रवार को डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला मरीज,उसकी मासूम बेटी और ननद की जान पर बन आई थी। महिला को लगाई गई ग्लूकोज की बोतल खून से भर गई। भूख-प्यास से तड़प रही मासूम बेटी को शौचालय की टंकी का पानी तक पिलाना पड़ा। ननद ने बाग में काम कर रहे लोगों की सहायता से पुलिस को जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्टाफ को बुलाकर महिला को निकाला। कर्मचारियों ने कार्रवाई के डर से महिला से कोरे कागज पर दस्तखत करवा लिए।
ताला लगाकर चला गया स्टाफ
भैसानी निवासी जयकुमार लकड़ी काटने का काम करता है। उसकी पत्नी सोनिया (25) की तबीयत खराब है। सोनिया अपनी तीन साल की बेटी परी व बुजुर्ग ननद फूलमती के साथ शुक्रवार सुबह फलौदा सीएचसी पहुंची। चिकित्सक ने उसे भर्ती कर ग्लूकोज की बोतल लगा दी। पीड़िता के अनुसार इसके बाद चिकित्सक व स्टाफ अस्पताल का ताला लगाकर चले गए। इस पर वह चीखने-चिल्लाने लगी।
इनका किया गया तबादला
सीएमओ ने बताया सीएचसी पर तैनात वार्ड ब्वॉय संदीप कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मोहित,चीफ फार्मासिस्ट नैनवाल कुंडियाल, फार्मासिस्ट प्रवीण कुमार,वायलेट स्टाफ नर्स लवी सिंह का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया है।
जांच एसीएमओ को सौंपी
सीएमओ डॉक्टर पीएस मिश्रा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच एसीएमओ डॉक्टर बीके ओझा को सौंपी गई है।
यह था मामला
शुक्रवार को डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला मरीज,उसकी मासूम बेटी और ननद की जान पर बन आई थी। महिला को लगाई गई ग्लूकोज की बोतल खून से भर गई। भूख-प्यास से तड़प रही मासूम बेटी को शौचालय की टंकी का पानी तक पिलाना पड़ा। ननद ने बाग में काम कर रहे लोगों की सहायता से पुलिस को जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्टाफ को बुलाकर महिला को निकाला। कर्मचारियों ने कार्रवाई के डर से महिला से कोरे कागज पर दस्तखत करवा लिए।
ताला लगाकर चला गया स्टाफ
भैसानी निवासी जयकुमार लकड़ी काटने का काम करता है। उसकी पत्नी सोनिया (25) की तबीयत खराब है। सोनिया अपनी तीन साल की बेटी परी व बुजुर्ग ननद फूलमती के साथ शुक्रवार सुबह फलौदा सीएचसी पहुंची। चिकित्सक ने उसे भर्ती कर ग्लूकोज की बोतल लगा दी। पीड़िता के अनुसार इसके बाद चिकित्सक व स्टाफ अस्पताल का ताला लगाकर चले गए। इस पर वह चीखने-चिल्लाने लगी।
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