घड़ियालों का ठिकाना बना गंगा बैराज

संवाद सूत्र मीरापुर अब आमजन गंगा बैराज पर भी घड़ियालों को देख सकेंगे। बुधवार को वन विभा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Mar 2019 11:29 PM (IST) Updated:Wed, 13 Mar 2019 11:29 PM (IST)
घड़ियालों का ठिकाना बना गंगा बैराज
घड़ियालों का ठिकाना बना गंगा बैराज

संवाद सूत्र, मीरापुर : अब आमजन गंगा बैराज पर भी घड़ियालों को देख सकेंगे। बुधवार को वन विभाग ने जिले में पहली बार गंगा बैराज के गांव हंसावाला के पास गंगा में कुल 60 घड़ियाल छोड़े हैं। इस अवसर पर मुजफ्फरनगर, बिजनौर और सहारनपुर वन विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उप्र के निर्देश पर घड़ियाल प्रजनन केन्द्र कुकरैल, लखनऊ द्वारा बुधवार को 10 नर और 50 मादा घड़ियाल हस्तिनापुर वन जीव विहार क्षेत्र के जानसठ रेंज वन प्रभाग की सीमान्तर्गत गंगा बैराज के गांव हंसावाला के समीप गंगा में छोड़े। वन संरक्षक सहारनपुर वृत्त वीके जैन ने बताया कि कुछ दिन पूर्व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ व वन विभाग की टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में गया था कि जानसठ रेंज के अंतर्गत गंगा नदी का तटवर्ती व गंगा नदी का प्रवाह क्षेत्र घड़ियाल प्राकृतिवास के लिए काफी उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में घड़ियाल एक दुर्लभ वन्यजीव है, इसकी जीवित्ता मानक काफी कम होने के कारण इसे जीवित रखने हेतु काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। घड़ियाल को प्राकृतिवास हेतु शुद्ध पानी व रेतिला तट होना चाहिए। हंसावाला क्षेत्र उनके लिए उपयुक्त माना गया है। घड़ियाल आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसका मुंह मगरमच्छ की अपेक्षा कम खुलता है, जिस कारण यह केवल मछलियों को ही खा सकता है, किसी बड़े जीव को नहीं। विभागीय उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुजफ्फरनगर में पहली बार घड़ियालाओ को यहां छोड़ा गया है। इस अवसर पर डीएफओ मु•ाफ्फरनगर सूरज, डीएफओ बिजनौर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टीम के कोर्डिनेटर संजीव यादव, रेंजर मीरापुर मनोज कुमार बलोदी, मोहन कुमार, देवेंद्र कुमार, शबाब आलम व गौरव कुमार आदि मौजूद रहे।

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