सहावली मारपीट मामले में 16 आरोपित गए जेल

नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के सहावली गांव में हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने सोमवार को 16 आरोपितों को जेल भेज दिया है। रविवार को चुनावी रंजिश में पत्थर चलने से कई लोग घायल हुए थे जिनके उपचार के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 10:56 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 10:56 PM (IST)
सहावली मारपीट मामले में 16 आरोपित गए जेल
सहावली मारपीट मामले में 16 आरोपित गए जेल

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के सहावली गांव में हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने सोमवार को 16 आरोपितों को जेल भेज दिया है। रविवार को चुनावी रंजिश में पत्थर चलने से कई लोग घायल हुए थे, जिनके उपचार के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के सहावली गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रंजिश को लेकर रविवार को दो पक्षों में मारपीट होने के बाद पुलिस ने लाठियां फटकार कर दोनों पक्षों को शांत कर दिया था। इस दौरान हुए पथराव में छह लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी थी। पथराव के दौरान मोहम्मद शादाब, महजाद अली, शहजाद, महताब, मोहम्मद इनाम व शुहैब घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवा उपचार कराने के बाद 16 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। नई मंडी कोतवाल अनिल कपरवान ने बताया कि इस मामले में आरोपित असलम, शौकत, शहनवाज, लियाकत, इनाम, सलमान, सरफराज, शादाब,अजान, शहनजर आदि 16 को जेल भेज दिया है। बीमारी के चलते हरसौली निवासी सिपाही की मौत

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शाहपुर थाना क्षेत्र के हरसौली गांव निवासी सिपाही की बीमारी के चलते मौत हो गयी। सिपाही पिछले 15 महीने से बीमारी के चलते अवकाश पर था। पोस्टमार्टम के बाद उसका गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया।

शाहपुर थाना क्षेत्र के हरसौली गांव निवासी 40 वर्षीय सुभाष पुत्र जलसिंह 2006 बैच का यूपी पुलिस का सिपाही था। उसकी तैनाती गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में थी। डेढ़ वर्ष पूर्व बीमारी के चलते उसे पुलिस लाइन में भेज दिया गया था। पिछले 15 महीने से सिपाही सुभाष बीमारी के चलते मेडिकल अवकाश पर था। सुभाष गले के कैंसर से पीड़ित था। सोमवार सुबह सिपाही सुभाष की अपने घर हरसौली में मौत हो गयी। सिपाही के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया।

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