आधी आबादी को दिखाएंगी स्वच्छता की डगर
मुजफ्फरनगर: 'स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन' के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को स्वच्छता के प्रति ज
मुजफ्फरनगर:
'स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन' के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। महिलाओं को सेनेट्री पैड बनाने का प्रशिक्षण देकर व्यवसायिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाया जायेगा। जिला पंचायत राज विभाग ने सीडीओ के समक्ष प्रस्ताव रखा है। सीडीओ की मुहर लगने के बाद कार्यक्रम शुरू होगा।
टाटा ट्रस्ट ने भारत सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने का करार किया है। इसके तहत जिला प्रेरक आयुषी भारद्वाज ने ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने व आत्मनिर्भर बनाने का खाका खींचा है। प्रशिक्षण में महिलाओं को घर के कपड़े से सेनेट्री पैड बनाने की विधि सिखाई जाएगी। मेरठ निवासी आयुषी भारद्वाज ने स्वदेशी तरीके से सेनेट्री पैड पर रिसर्च कर ऐसा माडल बनाया है, जिससे महिलाओं को बाजार के सेनेट्री पैड की आवश्यकता नहीं रहेगी।
संक्रमण से बच सकेंगी महिलाएं
आयुषी भारद्वाज ने बताया कि काफी कम ग्रामीण महिलाएं बाजार के सेनेट्री पैड का इस्तेमाल कर पाती हैं। ये पैड केमिकल युक्त होने के कारण कई समस्याओं का कारण बनते हैं। साथ ही पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं। इसके इतर घर में उपलब्ध कपड़े से स्वदेशी तकनीक से कम लागत में बनने वाले सेनेट्री पैड के प्रयोग से महिलाएं संक्रमण से भी बच सकेंगी।
ब्लाक स्तर पर दिया जाएगा प्रशिक्षण
महिलाओं को सेनेट्री पैड बनाने का प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर दिया जाएगा। इसमें डीपीआरओ पारुल सिसौदिया भी शामिल रहेंगी। महिलाओं को जागरूक करने के लिए ब्लाक स्तर पर गांव का चयन किया जाएगा। प्रशिक्षण में महिलाओं को स्वयं की स्वच्छता के साथ पर्यावरण के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।
'ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने के लिए जिला प्रेरक अधिकारी की ओर से पहल की गई है। सीडीओ के समक्ष प्रस्ताव रखा है। स्वीकृति मिलने पर महिलाओं को सेनेट्री पैड बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा'।
-पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ।