थानों में नहीं हो रही महिलाओं की सुनवाई, लगातार बढ़ रहे उत्पीडऩ के मामले Moradabad News
आला अफसरों के पास से थानों में जाने के बाद महिला उत्पीडऩ के मामले फंस जाते हैैं। विवेचनाओं में भी हीलाहवाली हो रही है।
मुरादाबाद, (मोहसिन पाशा)। महिलाओं के खिलाफ हिंसा किसी भी सभ्य समाज के मुंह पर कालिख के समान है। भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में विशेष प्रावधान है। घरेलू हिंसा से लेकर यौन शोषण तक पर सख्त सजा का प्रावधान है, इसके बावजूद उनके खिलाफ होने वाली हिंसा रुक नहीं रही है। हैदराबाद की घटना इसका ताजा उदाहरण है कि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
अच्छी नहीं मुरादाबाद की छवि
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में मुरादाबाद की छवि भी अच्छी नहीं है। मुरादाबाद में हर महीने घरेलू हिंसा के 300 से अधिक प्रार्थना पत्र आते हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश समझौते के आधार पर सुलझ जाते हैं। वहीं जितने मामले दर्ज हो रहे हैं, उनमें कार्रवाई की रफ्तार बेहद सुस्त है। महिला उत्पीडऩ के मामलों की थानों में सुनवाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि हर महीने महिला उत्पीडऩ की शिकायतें बढ़ रही हैैं।
मुरादाबाद में हर महीने नारी उत्थान केंद्र में आने वाली महिला उत्पीडऩ की शिकायतें
माह शिकायतें समझौते निस्तारण मुकदमे
अप्रैल 180 104 61 15
मई 352 152 189 11
जून 419 189 210 20
जुलाई 568 253 259 24
अगस्त 403 173 146 50
सितंबर 459 208 162 43
मुरादाबाद मंडल में पॉक्सो एक्ट में तीन साल में दर्ज होने वाले मुकदमे
जिला 2017 2018 2019
मुरादाबाद 127 121 128
रामपुर 61 45 71
बिजनौर 45 113 114
अमरोहा 28 35 35
सम्भल 57 79 72
कुल 318 393 420
केस-1
थाना पाकबड़ा क्षेत्र की रहने वाली युवती को शादी का झांसा देकर मूंढापांडे थाने के युवक ने दुष्कर्म किया लेकिन, पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पीडि़ता ने अब एसएसपी को पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। जांच हो रही है, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
केस-2
थाना सिविल लाइंस की रेलवे हरथला कालोनी निवासी युवती ने सम्भल में तैनात दारोगा और उसके बेटे पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसएसपी से शिकायत करने के बाद मामला महिला थाने में लंबित पड़ा है।
पुलिस लगातार कर रही काम
महिला उत्पीडऩ रोकने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है। हमारी एंटी रोमियो स्क्वाड टीम अच्छा काम कर रही है। पॉक्सो एक्ट के मुकदमों की पैरवी कराई जा रही है। ऐसे मामलों की वह खुद लगातार समीक्षा करते हैैं। दुष्कर्म के मामलों में भी जांच कराकर सख्त कार्रवाई करा रहे हैैं। मुरादाबाद आने पर शुरूआत में उनके दफ्तर में रोजाना 200 से ज्यादा लोग आ रहे थे। लेकिन, अब इनकी संख्या घटकर 70-80 रह गई है।
-अमित पाठक, एसएसपी, मुरादाबाद
क्या कहतीं हैं रिपोर्ट
दुनिया भर में हुए सर्वे की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली हैं। अनुमान है कि दुनिया भर में 35 प्रतिशत महिलाओं से शारीरिक और यौन हिंसा किसी न किसी स्तर पर होती है। दुनिया भर में पाए गए मानव तस्करी के पीडि़तों में से 51 फीसद महिलाएं हैं।