भाजपा के पूर्व पार्षद निगम शर्मा ने क्यों की थी खुदकशी, जांच में खुलेगा रहस्य

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद निगम शर्मा के साथ ही उनकी मौत का राज भी दफन हो गया था। लेकिन डीजीपी ऑफिस से आए एक पत्र से फिर उनकी मौत का रहस्य उजागर हो सकेगा।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 09:49 AM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 10:15 AM (IST)
भाजपा के पूर्व पार्षद निगम शर्मा ने क्यों की थी खुदकशी, जांच में खुलेगा रहस्य
भाजपा के पूर्व पार्षद निगम शर्मा ने क्यों की थी खुदकशी, जांच में खुलेगा रहस्य

मुरादाबाद, जेएनएन : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद निगम शर्मा के साथ ही उनकी मौत का राज भी दफन हो गया था। लेकिन डीजीपी ऑफिस से आए एक पत्र से फिर उनकी मौत का रहस्य उजागर हो सकेगा। पत्र को संजीदगी से लेते हुए एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन को जांच सौंप दी है। 

पत्र में किया गया नर्स व दो डाक्टरों का जिक्र, दिए गए साक्ष्य

खुदकशी के मामले में अब छह माह बाद एक गुमनाम पत्र ने लखनऊ से लेकर मुरादाबाद तक सनसनी मचा दी। उप सचिव मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में दर्शाया कि निगम को खुदकशी करने के लिए मजबूर किया था। बाकायदा उसके प्रमाण भी पेश किए हैं। चार अगस्त को उप सचिव मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में दो डाक्टर और एक नर्स की नजदीकी को मौत की वजह बताया है। दोनों डाक्टर और नर्स का नाम तथा मोबाइल नंबर भी अंकित किए गए हैं। नर्स और निगम का विवाद राम तलैया चौकी इंचार्ज के सामने भी पहुंचा था। तब पुलिस ने मामले को रफा-दफा करा दिया था। पत्र में श्रीनाथ धर्मशाला में होने वाले सत्संग का जिक्र भी किया है। बताया गया कि निगम के घर के सामने खड़ी कार में नर्स घूमती थी, लेकिन कार यहां क्यों खड़ी रहती थी। पार्षद की शुगर की बीमारी का इलाज उक्त दोनों डाक्टर ही करते थे। यह भी बताया है कि जिस घर में नर्स रहती हैं, वह किसका है। यदि पुलिस इन सभी सवालों के जवाब तलाश देगी तो निगम की मौत के रहस्य से पर्दा उठ जाएगा।  ये था घटनाक्रम 

25 जुलाई की सुबह सूर्य नगर स्थित डीएनएस स्कूल के पास रहने वाले पूर्व पार्षद यज्ञवृत शर्मा उर्फ निगम ने घर के आंगन में खुद को तमंचे से गोली मारकर खुदकशी कर ली थी। उस समय घर पर पत्नी दुर्गेश शर्मा और बेटे ज्ञानेंद्र की पत्नी शालिनी थी। पोते संकल्प को स्कूल छोड़कर घर लौटने के बाद निगम शर्मा ने आत्मघाती कदम उठाया। उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें परिवार और अपने मित्रों से माफी मांगी थी। उसमें भी खुदकशी करने की वजह स्पष्ट नहीं की ।

लाइनपार में चलती थी निगम की सत्ता

निगम शर्मा छात्र नेता से लेकर चार बार पार्षद रह चुके थे। लाइनपार एरिया में कोई भी विवाद हो, तो फैसला निगम के हस्तक्षेप के बिना नहीं होता था। विधायक से लेकर सांसद के चुनाव में भी पार्टी के नेता लाइनपार की वोट हासिल करने के लिए निगम से संपर्क जरूर करते थे। यानि हर चुनाव में निगम का दखल होता था। इस बार उन्होंने पार्षद के लिए पत्नी दुर्गेश को चुनाव मैदान में उतारा था, जो हार गईं। 

ये बोले अधिकारी

सीओ सिविल लाइन राजेश कुमार ने बताया कि सीएम कार्यालय से आए पत्र पर एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं। पत्र में दिए सभी तथ्यों पर काम किया जाएगा। पूर्व चौकी प्रभारी राम तलैया से भी निगम और नर्स के साथ हुए विवाद की जानकारी ली जाएगी। 

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