राशन घोटाले में फंस सकती है अधिकारियों की गर्दन

राशन घोटाले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपे जाने के बाद खलबली मची है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 01:10 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 01:10 PM (IST)
राशन घोटाले में फंस सकती है अधिकारियों की गर्दन
राशन घोटाले में फंस सकती है अधिकारियों की गर्दन

मुरादाबाद : राशन घोटाले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपे जाने के बाद आपूर्ति विभाग के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। राशन दुकानदारों के साथ ही अधिकारियों पर भी तलवार लटक गई है। कई जिलों में पकड़ा गया था मामला

एनआइसी ने प्रदेश के 43 जिलों में फर्जी आधार कार्ड के जरिए खाद्यान्न वितरण घोटाला पकड़ा था। मुरादाबाद में भी मामले पकड़े जाने पर जिला पूर्ति अधिकारी ने 60 राशन दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आधार नंबर फीड करने का काम पूर्ति निरीक्षक के लॉगिन पर आपरेटरों ने किया था। ऐसे में पूर्ति निरीक्षक व क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी का फंसना तय है। अधिकारियों ने किया कार्य बहिष्कार

यूपी फूड एंड सिविल सप्लाई इंस्पेक्टर व आफिसर्स एसोसिएशन के बैनर के साथ लखनऊ में आंदोलन किया जा रहा है। मांग है कि एसटीएफ आगे की कार्रवाई से पहले एनआइसी की जांच करे। राशन दुकानदारों का प्रदर्शन

आल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर फेडरेशन ने एसएसपी को ज्ञापन देकर मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की मांग की है। वहीं लोकतंत्र बचाओ मोर्चा ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में राशन विक्रेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, राशन घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। हाजी इकबाल, राजपाल सिंह, वचन सिंह चौहान, नरेश प्रताप सिंह, रईस खां आदि शामिल थे। एनआइसी ने सिस्टम किया बंद

एनआइसी ने राशन वितरण सिस्टम को बंद कर दिया है, ताकि और राशन घोटाला न हो। जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि एनआइसी ने सोमवार को सिस्टम चालू नहीं किया है, इसलिए राशन वितरण नहीं हो पाया है।

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