जौहर यूनिवर्सिटी में कराई खेतों की मेढ़बंदी रामपुर किसानों ने मनाया जश्न Rampur news

सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में राजस्व टीम ने तीसरे दिन भी कार्रवाई की। किसानों के खेतों की मेढ़बंदी कराई।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 10:10 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 10:10 AM (IST)
जौहर यूनिवर्सिटी में कराई खेतों की मेढ़बंदी रामपुर किसानों ने मनाया जश्न Rampur news
जौहर यूनिवर्सिटी में कराई खेतों की मेढ़बंदी रामपुर किसानों ने मनाया जश्न Rampur news

रामपुर। सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में राजस्व टीम ने तीसरे दिन भी कार्रवाई की। किसानों के खेतों की मेढ़बंदी कराई। दूसरी ओर जमीनों पर कब्जा मिलने से आलिया गंज में जश्न का माहौल है। आलियागंज के 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ पिछले साल जुलाई में मुकदमे भी कराए थे। आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में उनकी जमीनों पर कब्जा कर यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया है। प्रशासन ने इन किसानों को कब्जा दिलाने के लिए गुरुवार को कार्रवाई की थी। 26 किसानों की जमीनों पर कब्जा दिलाने के लिए पैमाइश कराई। उन्हे कब्जा दिलाया गया। उप जिलाधिकारी प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को राजस्व टीम ने यूनिवर्सिटी पहुंचकर किसानों के खेतों की मेढ़बंदी करा दी। प्रशासन ने बुधवार को भी यूनिवर्सिटी में कार्रवाई की थी। जिलाधिकारी ले परमीशन लिए बगैर खरीदी गई दस दलितों की जमीन पर प्रशासन ने कब्जा कर लिया था। यह कार्रवाई राजस्व परिषद के आदेश पर हुई। इसके अलावा लेबर सेस के 1.37 करोड़ जमा न करने पर प्रशासन ने दो इमारतें भी कुर्क कर ली थीं। एसडीएम ने बताया कि इन इमारतों की नीलाम करने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू कराई जाएगी। दूूसरी ओर जमीनें वापस मिलने पर आलियागंज में जश्न का माहौल रहा। ग्रामीणों ने ठोल की थाप पर डांस किया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम और फैसल लाला भी आलिया गंज पहुंचे। किसानों ने इन्हे मिठाई खिलाई। किसानों ने कहा कि लगभग 14 साल पहले साल उनकी जमीनों पर आजम खां ने न कब्जा कर लिया था। किसानों को झूठे मुकदमे लगाकर जेल में डाल देते थे। लंबे समय तक अब्दुल सलाम ने संघर्ष किया। किसानों के साथ कई बार प्रदर्शन किया। सपा शासनकाल में भी आलियागंज में धरना दिया। तब उन्हें जेल भेज दिया गया था। 

फैसल लाला ने किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए किया संघर्ष 

 फैसल लाला ने भी किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष किया। सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की थी। लंबे समय के बाद अपने पूर्वजों की जमीनों पर पहुंचकर किसानों के चेहरे खिल गए सभी ने अब्दुल सलाम और फैसल लाला का आभार व्यक्त किया।

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