रेलवे सूखे कुएं, तालाब को पुनर्जीवित कर संरक्षित करेगा बरसात का पानी Moradabad News

लगातार पानी का दोहन होने से कुएं और तलाब सूख गए। अब रेल प्रशासन ने इन्हें पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 12:41 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 02:25 PM (IST)
रेलवे सूखे कुएं, तालाब को पुनर्जीवित कर संरक्षित करेगा बरसात का पानी Moradabad News
रेलवे सूखे कुएं, तालाब को पुनर्जीवित कर संरक्षित करेगा बरसात का पानी Moradabad News

मुरादाबाद(प्रदीप चौरसिया): रेलवे वर्ष 1990 तक कुओं, बड़े-बड़े नलकूपों और तालाबों के जरिये पीने के पानी की व्यवस्था करता था। लगातार पानी का दोहन होने से कुएं और तलाब सूख गए। अब रेल प्रशासन ने इन्हें पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। इसके तहत रेलवे ने कुओं और रेल लाइन के किनारे खाली पड़ी जमीन पर बरसात का पानी संरक्षित करने और पानी की बर्बादी रोकने की योजना तैयार की है। ऐसे स्टेशन व वर्कशॉप जहां पांच लाख लीटर से अधिक पानी की खपत है, वहां वाटर मीटर लगाए जाएंगे और ऑडिट कराया जाएगा। हर मंडल रेल प्रशासन को आदेश जारी करके योजना को लागू कराना शुरू कर दिया गया है। सूखे कुएं, तालाब को पुनर्जीवित करने का काम रेलवे ने शुरू कर दिया है। कुओं में बरसात के पानी को संरक्षित किया जाएगा। रेलवे नये भवनों के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बना रहा है। छतों पर एकत्रित होने वाले बरसात के पानी को इस सिस्टम द्वारा भूजल को संरक्षित किया जाएगा।

पानी की बर्बादी बचाने की योजना

रेलवे ने पानी की बर्बादी को रोकने और बचत करने के लिए योजना तैयार की है। जहां प्रतिदिन पांच लाख लीटर से अधिक पानी की खपत है, उन स्थानों पर नियमित ऑडिट कराया जाएगा। इससे पानी की बर्बादी और लीकेज में कमी आएगी और पानी की खपत का आकलन किया जा सकता है। बड़े भवनों, वर्कशॉप, कारखाना व स्टेशनों पर वाटर मीटर भी लगाए जाएंगे।

पानी की रिसाइकलिंग

रेल प्रशासन ने प्रयोग किए गए पानी को पुन: इस्तेमाल में लाने के लिए रिसाइकलिंग करने की व्यवस्था की है। मुरादाबाद रेल मंडल के हरिद्वार में रिसाइकलिंग उपकरण लगाए जा रहा रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि भूजल संरक्षित करने लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। पानी की बर्बादी रोकने के उपाय भी किए जा रहे हैं।

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