बच्चों के भोजन से गायब होगा 'दूधÓ, जानिए क्‍या है वजह Moradabad News

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे-मील में कटौती शुरू हो गई है। जल्द ही बच्चों की थाली से दूध गायब हो जाएगा।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Aug 2019 11:08 AM (IST) Updated:Wed, 14 Aug 2019 11:10 AM (IST)
बच्चों के भोजन से गायब होगा 'दूधÓ, जानिए क्‍या है वजह Moradabad News
बच्चों के भोजन से गायब होगा 'दूधÓ, जानिए क्‍या है वजह Moradabad News

प्रांजुल श्रीवास्तव, मुरादाबाद : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे-मील में कटौती शुरू हो गई है। जल्द ही बच्चों की थाली से दूध गायब हो जाएगा। इसकी जगह मिड-डे-मील में कुछ अन्य पौष्टिक चीजों को शामिल किया जाएगा। शासन ने इसके पीछे दूध की अनुपलब्धता और गुणवत्तायुक्त दूध के न मिलने को कारण बताया है। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दूध के स्थान पर विकल्प भी सुझाए गए हैं।

मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से सभी बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में निश्शुल्क मिड-डे-मील उपलब्ध कराया जाता है। प्राधिकरण की ओर से तय किए गए मीनू के तहत प्रत्येक बुधवार को बच्चों को तहरी के साथ दूध दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन अब जल्द ही ये डाइट बदल जाएगी। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी को नौ अगस्त को पत्र जारी करके दूध के स्थान पर अन्य विकल्प सुझाए गए हैं। इसका जवाब भी दो से तीन दिन में ही मांगा गया है।

निरीक्षण में मिलीें खामियों का दिया हवाला

प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कई बार निरीक्षण में दूध न मिलने की ही शिकायत सामने आती रही है। कभी दूध की अनुपलब्धता, गुणवत्ता तो कभी रख रखाव व वितरण में कठिनाई आती है। इसके बाद ही प्राधिकरण के निदेशक विजय किरन आनंद की ओर से पत्र जारी किया गया है।

दूध की जगह मिलेगा गुड़-चना बेसन का लड्डू

शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर आठ विकल्प भी सुझाए गए हैं। इसमें सभी जिलों से राय मांगी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार का कहना है कि शासन स्तर पर सर्वोत्तम विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

ये सुझाए गए विकल्प

- फल

- गुड़-चना

- आटा या सूजी का हलवा

- ग्लूकोज बिस्कुट का पैकेट

- बेसन का लड्डू

- दही या पनीर

- खीर

मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें दूध के स्थान पर अन्य विकल्प दिए गए हैं। जल्द ही हम अपनी तरफ से सर्वोत्तम विकल्प पर विचार करके शासन को अवगत करा देंगे। -योगेंद्र कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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