मुरादाबाद में बेहतर इलाज की जगी उम्मीद, जिला अस्‍पताल में लगे वेंटीलेटर

अप्रैल से शरीर में ऑक्सीजन स्तर कम होने वाले मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से जिला अस्पताल में दिक्कत हो रही थी। ऐसे मरीजों को सीधे एल-थ्री अस्पताल भेजा जा रहा था। जागरण ने अस्पताल की खामियों की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 11:41 AM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 01:11 PM (IST)
मुरादाबाद में बेहतर इलाज की जगी उम्मीद, जिला अस्‍पताल में लगे वेंटीलेटर
एल-टू अस्पताल में गंभीर कोरोना संक्रमितों के लिए लगवाए गए 10 वेंटीलेटर।

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुत सुधार हुआ है। गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर की व्यवस्था कराई गई है। जागरण पाठकों की उम्मीद पर खरा उतरा है। सरकारी अस्पताल की सहूलियतों के लिए जागरण का प्रयास रहा। अब हालात ये हैं कि इमरजेंसी में आने वाले मरीज को परीक्षण के साथ ही अगर वेंटीलेटर की जरूरत होती है तो उसे फौरन भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया जाता है। एल-टू अस्पताल में 10, जिला अस्पताल में 15 वेंटीलेटर लगने से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं।

अप्रैल से शरीर में ऑक्सीजन स्तर कम होने वाले मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से जिला अस्पताल में दिक्कत हो रही थी। ऐसे मरीजों को सीधे एल-थ्री अस्पताल भेजा जा रहा था। जागरण ने अस्पताल की खामियों की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबरें प्रकाशित होने के बाद वेंटीलेटरों की डिमांड दो मार्च 2020 को भेजी गई। इसके बाद 18 मई को दो, 27 जुलाई को दो और एक अगस्त को दो वेंटीलेटर अस्पताल पहुंच गए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से चार वेंटीलेटर भी पहुंचे। इन्हें महिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में बने एल-टू अस्पताल में इंस्टाल कराया गया। इसके बाद ऑक्सीजन कम होने वाले मरीजों को भी स्‍क्रीनिंग के बाद वहीं भर्ती कर दिया गया। वहीं जिला अस्पताल में दूसरी बीमारियों से पीडि़त गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी में ही सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इंफेक्शन) वार्ड भी तैयार करा दिया गया। इसमें तीन वेंटीलेटर लगवा दिए गए है। इसके अलावा मरीजों की संख्या बढ़्ती हुई देख आइसोलेशन वार्ड में दो वेंटीलेटर लगवाए गए। इसके अलावा 10 वेंटीलेटर मंगवाए गए हैं। इससे गंभीर मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो गया।

24 घंटे चालू कराई पैथलैब

कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अलीगढ़, लखनऊ और नोएडा नमूने भेजे जा रहे थे। इस वजह से जांच मिलने में देरी हो रही थी। इस दिक्कत को दूर करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की बिल्डिंग के भूतल में ट्रू-नेट लैब शुरू कर दी गई। अब गंभीर कोरोना संक्रमित की जांच फौरन ही की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि इस साल गंभीर मरीजों की चिकित्सा पर अधिक ध्यान दिया गया। एल-टू अस्पताल में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज की व्यवस्था कराई गई है। जागरण की खबरों को पढऩे के बाद हमने समस्याओं को दूर कराया। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक पुरुष अस्पताल डॉ. कल्पना सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरे गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में ही सारी वार्ड तैयार कराया गया है। उसमें तीन वेंटीलेटर लगवाए गए। जागरण सकारात्मक खबरें प्रकाशित करता है। 

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