कोरोना के खौफ ने बजाया बाजे वालों का बैंड,शादियों की तारीख टलने से हो रहा नुकसान Sambhal News

लॉकडाउन के चलते किसी भी शादी में नहीं बजा बैंडबाजा कईयों के रोजगार गए। शादियों की तारीखें तो टल ही रहीं हैं अन्य आयोजन भी टाले जा रहे हैं।

By Ravi SinghEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 11:36 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 11:36 AM (IST)
कोरोना के खौफ ने बजाया बाजे वालों का बैंड,शादियों की तारीख टलने से हो रहा नुकसान Sambhal News
कोरोना के खौफ ने बजाया बाजे वालों का बैंड,शादियों की तारीख टलने से हो रहा नुकसान Sambhal News

सम्भल,जेएनएन। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस संक्रमण को रोकने के लिए देश में दो महीने से लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में सभी कारोबार बंद पड़े हैं। जिससे लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन में अधिकांश शादियों की तारीख टाल दी है। कुछ लोग बिना बैंड बाजे के ही शादी कर रहे हैं। ऐसे में बैंड वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

जनपद में बैंड वालों की अच्छी खासी संख्या है। बैंड वाले एक रात के 15 से 30 हजार तक की बुङ्क्षकग की करते हैं। इस बार लॉकडाउन में शादियां रुक गईं है और बुङ्क्षकग निरस्त हो गई है। इससे उनके सामने परिवार पालने की समस्या आ रही हैं। बता दें कि एक टीम में कम से कम 15 से 20 लोग काम करते हैं। यह सभी लोग बेरोजगार हो गए हैं। सरकार द्वारा दिए जा रहे राशन से अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। बैंडबाजा संचालकों ने कहा कि अप्रैल, मई, जून के महीनों में ही सबसे ज्यादा शादियां होती हैं। इन महीनों में सबसे ज्यादा बुङ्क्षकग मिलती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से पूरा काम चौपट हो गया। लेबर को रुपया दे दिया और बुङ्क्षकग भी निरस्त हो गई।

पहले थी रंगशाला अब बेच रहे सब्जी

 तहसील क्षेत्र के कस्बा सौंधन में रंगशाला संचालक महेश सैनी शादियों में रंगशाला के जरिए परिवार चलाता हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादियां नहीं हो रही हैं। इसी को लेकर उसने अपना पेशा बदल दिया। लॉकडाउन में महेश आसपास के गांवों में सब्जी बेचकर परिवार का पालन पोषण कर रहा है।

जेवर गिरवी रख लेबर को दिया था एडवांस

 बैंड मास्टर आकिल ने बताया कि सीजन शुरु होने से पहले मेरे पास 30 बुङ्क्षकग थी लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद लोगों ने बुङ्क्षकग निरस्त करा दी। जिससे भारी नुकसान हुआ है। मैने सीजन शुरु होने से पहले ही घर का जेबर गिरवी रखकर मजदूरों को एडवांस में आधा रुपया भी दे दिया।

मेरे बैंड में 20 लोग काम करते हैं। कोरोना की वजह से शादियां निरस्त हो गई है। मजदूर बेरोजगार हो गए। वह लोग फोन करते हैं कि मास्टर पैसे नहीं है घर चलाने में परेशानी हो रही है। उधार लेकर खर्चा चला रहे हैं।

मास्टर जमील रजुपरा  

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