Corona fighters : मां और बेटे ने पांच दिन में ही कोरोना पर पाई विजय, काम आई सकारात्‍मक सोच

Corona fighters पांच दिन में कोरोना को मात देकर लोगों के सामने पेश किया उदाहरण। बेहतर मिली सुविधाए। युवक की माता थी डायबिटीज पीड़ित दो बार हुई जांच।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 11:50 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 11:50 AM (IST)
Corona fighters : मां और बेटे ने पांच दिन में ही कोरोना पर पाई विजय, काम आई सकारात्‍मक सोच
Corona fighters : मां और बेटे ने पांच दिन में ही कोरोना पर पाई विजय, काम आई सकारात्‍मक सोच

मुरादाबाद।  कोरोना के डर को दूर करना होगा। समय से जांच कराना ही समझदारी है। उम्रदराज लोगों की भी जांच समय से हो जाए तो वे कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच जाएंगे। इसलिए अगर आप कोरोना संक्रमित हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। ये सोचियेगा कि हमें ठीक होकर घर वापस जाना है।

रामगंगा विहार के वेवग्रीन कालोनी की रहने वाली 52 वर्षीय बुजुर्ग महिला की 27 अगस्त की दोपहर एंटीजन जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उनके साथ 43 वर्षीय बेटे भी संक्रमित हुए थे। बेटे में कोई लक्षण नहीं था। बुजुर्ग डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी के साथ ही रही थी। परिवार के लोगों को चिंता हुई कि अस्पताल में क्या होगा। हालत में सुधार होगा या हालत बिगड़ेगी। तमाम तरह के सवाल परिवार के सभी सदस्यों के मन में थे। एक अनहोनी के डर के साथ मां-बेटे कोविड-19 एलथ्री अस्पताल पहुंच गए। यहां उनकी प्रारंभिक जांच की गई। इसके बाद उन्हें बेड उपलब्ध करा दिया गया। पांच दिन अस्पताल में इलाज के बाद सोमवार पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद मां बेटे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शाम में कालोनी में पहुंचे तो परिवार के लोगों ने स्वागत किया। बुजुर्ग महिला का कहना था कि भगवान के आशीर्वाद से हम लोग स्वस्थ हुए। थोड़ी सी समझदारी से समय से जांच हो गई और हम लोग अपने घर आ गए। कहा कि डर से इस बीमारी में व्‍यक्ति को ज्‍यादा परेशान कर देता है। कोरोना से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सकारात्‍मक सोच के जरिए आसानी से इस पर विजय पाई जा सकती है। 

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