अनामिका शुक्ला जैसा मामला मुरादाबाद में भी, शिक्षिका पूनम पांडेय के दस्‍तावेज फर्जी

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से बात की गई तो उन्होंने पूनम पांडेय को अपने यहां की छात्रा मानने से इन्कार कर दिया साथ ही लगाए गए दस्तावेज को भी फर्जी बताया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 01:00 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 01:00 PM (IST)
अनामिका शुक्ला जैसा मामला मुरादाबाद में भी, शिक्षिका पूनम पांडेय के दस्‍तावेज फर्जी
अनामिका शुक्ला जैसा मामला मुरादाबाद में भी, शिक्षिका पूनम पांडेय के दस्‍तावेज फर्जी

मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के सामने आने का मामला रुक नहीं रहा है। हाल ही में अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद अब मुरादाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय डींगरपुर में तैनात पूर्णकालिक शिक्षिका पूनम पांडेय के दस्तावेज भी जांच में फर्जी पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें नोटिस देकर तीन दिन में जवाब-तलब किया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार का कहना है जवाब न आने पर शिक्षिका के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी साथ ही वेतन रिकवरी भी कराई जाएगी।

आंबेडकर नगर के रसूलपुर गांव की रहने वाली पूनम पांडेय कुंदरकी ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय डींगरपुर में पूर्णकालिक रूप से 17 मई 2014 से तैनात हैं। अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद यहां तैनात सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसमें कंप्यूटर की शिक्षिका पूनम पांडेय द्वारा लगाया गया पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार के मुताबिक शिक्षिका ने राजस्थान की श्रीधर यूनिवर्सिटी का पीजीडीसीए सर्टिफिकेट तैनाती के दौरान लगाया था।

15 लाख से ज्यादा उठा चुकी है वेतन

फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका बेसिक शिक्षा विभाग से अब तक करीब 15 लाख रुपये से ज्यादा वेतन उठा चुकी हैं। अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में शिक्षिका 22 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जवाब न आने पर शिक्षिका से पूरे वेतन की रिकवरी कराई जाएगी।

शासन के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। इसी में पूनम पांडेय का प्रकरण सामने आया है, शिक्षिका द्वारा लगाया गया पीजीडीसीए का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जिसके बाद उनसे जवाब मांगा गया है।

- योगेंद्र कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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