बैंकों में अपना धन रखना चाहते हैं सुरक्षित तो करें कुछ ऐसा

बैंक के वह ग्राहक अपना मोबाइल साफ्टवेयर लगातार अपडेट करते रहें, जो नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लापरवाही इसलिए बड़ी भूल होगी, क्योंकि नेट बैंकिंग के जरिए लेन देन पर साइबर अपराधियों की नजर गड़ी हुई है।

By RashidEdited By: Publish:Sun, 04 Nov 2018 03:49 PM (IST) Updated:Sun, 04 Nov 2018 03:55 PM (IST)
बैंकों में अपना धन रखना चाहते हैं सुरक्षित तो करें कुछ ऐसा
बैंकों में अपना धन रखना चाहते हैं सुरक्षित तो करें कुछ ऐसा

मुरादाबाद: बैंक के वह ग्राहक अपना मोबाइल साफ्टवेयर लगातार अपडेट करते रहें, जो नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लापरवाही इसलिए बड़ी भूल होगी, क्योंकि नेट बैंकिंग के जरिए लेन देन पर साइबर अपराधियों की नजर गड़ी हुई है।

दूसरे व्यक्ति के साथ कतई शेयर न करें

यह बातें डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी के आर्य प्रेक्षागृह में भारतीय स्टेट बैंक के अफसरों ने प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को संबोधित करते हुए कहीं। करीब एक घंटे तक चली कार्यशाला में प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को बताया गया कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा एटीएम की संख्या किसी भी दशा में दूसरे व्यक्ति के साथ कतई शेयर न करें।

कोई सूचना बैंक किसी भी दशा में नहीं मांगता

बैंक अधिकारी बनकर फ्राड कालर ऐसी सूचनाएं मांगते हैं। जबकि, असलियत यह है कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा एटीएम की कोई सूचना बैंक किसी भी दशा में नहीं मांगता।

जानकारी के अभाव में नुकसान उठाते हैं ग्राहक

भारतीय स्टेट बैंक सिविल लाइन शाखा के मुख्य प्रबंधक अशोक कुमार अरुण ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशन में विश्व व्यापी भ्रष्टाचार उन्मूलन कार्यक्रम जारी है। इसके तहत बैंक के ग्राहकों को लेनदेन में सावधानी बरतने की सीख व नेट बैंकिंग के इस्तेमाल का तरीका बताया जा रहा है। जानकारी के अभाव में ग्राहक नुकसान उठाते हैं।

ये अधिकारी रहे मौजूद

क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक सिंह चंदेल, मुख्य प्रबंधक जोखिम व शिकायत संदीप कुमार अग्रवाल ने भी सुरक्षित बैंकिंग की जानकारी दी। इस मौके पर पुलिस अकादमी के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार तिवारी, अपर पुलिस अधीक्षक बसंत कुमार, उपनिरीक्षक ओमपाल के अलावा तीन सौ प्रशिक्षु उपनिरीक्षक मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी