यूपी में लोकसभा उपचुनाव पर आजम खां का रुख तय करेगा समाजवादी पार्टी का चुनावी सफर

Lok Sabha by Election 2022 समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के इस्तीफा देने से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी का चुनावी सफर भी आजम खां का रुख तय करेगा। आजकल वह सपा हाईकमान से दूरी बनाए हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 05:28 PM (IST) Updated:Thu, 26 May 2022 05:28 PM (IST)
यूपी में लोकसभा उपचुनाव पर आजम खां का रुख तय करेगा समाजवादी पार्टी का चुनावी सफर
Lok Sabha by Election 2022 : रामपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा, प्रत्याशियों का पता नहीं

रामपुर, जेएनएन। Lok Sabha by Election 2022 : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के इस्तीफा देने से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी का चुनावी सफर भी आजम खां का रुख तय करेगा। आजकल वह सपा हाईकमान से दूरी बनाए हैं। अगर यह दूरी इसी तरह बनी रही तो सपा के लिए चुनावी राह मुश्किल हो जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को रामपुर में लोकसभा उप चुनाव कराने की घोषणा कर दी।

हालांकि अभी किसी भी पार्टी के प्रत्याशी का चयन नहीं किया है, लेकिन समाजवादी पार्टी में इतना तय है कि उसका चुनाव आजम खां के रुख से तय होगा। आजम खां रामपुर शहर से 10 वीं बार विधायक बने हैं। साल 2019 में वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए। इसके बाद उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। इस समय उनके खिलाफ 89 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा के खिलाफ 34 मुकदमे दर्ज हैं, उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 43 मुकदमे हैं।

तजीन फात्मा 10 माह बाद, अब्दुल्ला 23 माह बाद और आजम खां सवा दो साल बाद जेल से रिहा हुए हैं। आजम खां ने जेल से रिहा होने के बाद सपा हाईकमान से दूरी बना रखी है। वह दो दिन लखनऊ में रहकर रामपुर लौट आए हैं, लेकिन उनकी सपा मुखिया अखिलेश यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह से मुलाकात नहीं हुई है। वह सपा विधानमंडल दल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए।

मुलायम सिंह तो उनसे जेल में मिलने एक बार भी नहीं पहुंचे, जबकि सपा मुखिया से नाराज चल रहे उनके चाचा शिव पाल सिंह यादव ने जेल में भी मुलाकात की और जिस दिन वह जेल से रिहा हुए उस दिन भी वह सबसे पहले सीतापुर जेल पहुंच गए। हालांकि आजम खां नाराजगी जाहिर नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनके मीडिया प्रभारी पिछले माह अखिलेश यादव के खिलाफ तीखी बयानबाजी कर चुके हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि आजम खां और सपा हाईकमान के बीच अगर इसी तरह दूरी बनी रहीं तो उप चुनाव में समाजवादी पार्टी की राह मुश्किल हो जाएगी।

जयाप्रदा बन सकती हैं प्रत्याशीः भाजपा से कई लोग टिकट की दावेदारी जता रहे हैं, लेकिन अभी किसी के नाम पर मुहर नहीं लगी है। हालांकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा भाजपा प्रत्याशी थीं और इस बार भी पार्टी हाईकमान उन्हें प्रत्याशी बना सकता है। कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के प्रत्याशी बनने की उम्मीद है। वह इसके लिए तैयारी भी कर रहे हैं। गांव-गांव मीटिंग भी कर रहे हैं। नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि शीघ्र ही सनमर्थकों से राय मशविरा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

प्रशासन की तैयारीः जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि उप चुनाव की घोषणा के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन अभी कोई पत्र नहीं मिला है। हमारी ओर से चुनाव की तैयारी पूरी हैं। गरुरवार को अफसरों की मीटिंग बुलाएंगे।

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