Migrant workers : दर्द भूलकर अब काम पर लौटने की तैयारी में अमरोहा के श्रमिक

Migrant workers लॉकडाउन में काम धंधा बंद होने पर घर आ गए थे कुशल कामगार। परदेश छोड़कर घर लौटकर आने वालों के लिए राहत राहत भरी खबर।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 07:41 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:41 PM (IST)
Migrant workers : दर्द भूलकर अब काम पर लौटने की तैयारी में अमरोहा के श्रमिक
Migrant workers : दर्द भूलकर अब काम पर लौटने की तैयारी में अमरोहा के श्रमिक

अमरोहा (राजेश राज)। गजरौला के ग्राम शहबाजपुर डोर के योगेंद्र कुमार राजस्थान के अलवर क्षेत्र स्थित केमिकल कंपनी में सहायक केमिस्ट थे। कंपनी ने प्लांट चालू होने पर उन्हेंं बुलाया है। वहीं वारसाबाद गांव के आकाश कुमार चंडीगढ़ के डेराबसी स्थित एक केमिकल प्लांट में कैमिस्ट हैं। उन्हें भी बुलाया गया है। तिगरी के रविंद्र सिंह पंजाब के गुरदासपुर एक फैक्ट्री में आपरेटर हैैं। कंपनी ठेकेदार के कहने पर वापस लौटने को तैयार है।

हालात सामान्य करने की कोशिश जारी

कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में सब कुछ बंद होने पर घर वापसी करने वाले शिक्षित व कुशल कामगार अब वापस कामों पर लौटने की तैयार कर रहे हैं। हालांकि अभी लॉकडाउन खत्म नहीं हुआ है। लॉकडाउन-चार चल रहा है लेकिन, कोरोना के साथ काम-काज को पटरी पर लाने की सरकार की हिदायदों के बाद सभी जगह कंपनियों को तेजी से सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। यह संकेत परदेश छोड़कर घर लौटने वाले को राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ग्राम शहबाजपुर डोर के योगेंद्र कुमार राजस्थान के अलवर क्षेत्र स्थित एक फार्मास्यूटिकल कंपनी में सहायक कैमिस्ट हैं। उनका कहना है कि कंपनी के प्लांट चालू होने पर उन्हेंं बुलाया गया, जिस पर वह स्वयं निजी वाहन करके कंपनी पहुंच गए हैं। उनके साथ दूसरे क्षेत्रों के दो और कैमिस्ट भी आ गए हैं। वारसाबाद गांव के आकाश कुमार चंढ़ीगढ़ के डेराबसी स्थित सौरभ केमिकल प्लांट में कैमिस्ट हैं। इसी तरह कुछ और गांवों के कुशल कागगार अपनी नौकरियों पर लौट चुके हैं। पाल गांव के विवेक कुमार, बिट्टू व अजय कुमार नोएडा के सेक्टर 198 में निजी कंपनी में बतौर सुपर वाइजर काम करते हैं। यह भी सप्ताह भर पहले कंपनी से कॉल आने पर बाइक से अपनी ड्यूटी के लिए चले गए थे। वारसाबाद के प्रदीप चौहान सिविल इंजीनियर हैं। वह बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। तिगरी के रविंद्र सिंह पंजाब के गुरदासपुर एक फैक्ट्री में आपरेटर है। कंपनी ठेकेदार ने बुलाया था लेकिन, साधन नहीं मिलने की वजह से रूके हैं।

पैसा कटा कोई बात नहीं, काम तो मिल रहा

गजरौला : अधिकांश कामगार बता रहे हैं कि सरकार की घोषणाओं के बावजूद निजी कंपनियों ने नौ वर्क-नौ सेलरी को अपनाते हुए उन्हेंं पूरी तनख्वाह नहीं दी। काटकर भुगतान किया गया है। उनको इसका उन्हेंं कोई दु:ख नहीं है। खुशी इस बात की है कि काम पर फिर बुलाया जा रहा है।

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