उद्योग और कारोबार को गति, झंझट से मुक्ति

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होने की उम्मीदों से निर्यातकों,

By Edited By: Publish:Fri, 27 Nov 2015 02:12 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2015 02:12 AM (IST)
उद्योग और कारोबार को गति, झंझट से मुक्ति

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होने की उम्मीदों से निर्यातकों, कारोबारियों और उद्यमियों को पंख लगे हैं। उनका मानना है कि केंद्रीय स्तर पर एक ही टैक्स होने से कागजी कार्रवाई में समय बचेगा, जो कि उद्योग को बढ़ावा देने में लगा सकेंगे।

जीएसटी पारित होने से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कई तरह के टैक्सों से छुटकारा मिलेगा। उत्पादन की लागत घटेगी। इसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। महंगाई पर अंकुश लगेगा।

वाहन के लिए नहीं लगेगी दौड़

वाहनों की खरीद के लिए ग्राहक उत्तराखंड और हरियाणा की ओर भागते हैं। जीएसटी जब लागू होगा तो देश भर में एक ही कीमत होगी, तो ग्राहकों को दौड़भाग भी बचेगी।

रोज होती है परेशानी

कारोबार को लेकर कभी उत्पाद शुल्क, कभी कस्टम, सेवा कर वाणिज्य कर देना पड़ता है। जीएसटी एक ही टैक्स पर सभी भरे जा सकेंगे।

टैक्स का गणित

गुड्स एवं सर्विस टैक्स में 12 फीसद राज्य सरकार और 14 फीसद केंद्रीय सरकार को मिलेगा। इसका मिलाकर 26 फीसद कर हो रहा है। वर्तमान समय में सभी करों को मिलाकर भी इतना ही टैक्स देना पड़ रहा है।

----------

जीएसटी आज के समय की जरूरत है। व्यापार के लिए बहुत जरूरी है। सभी राजनीतिक दलों को व्यापार हित और देश हित सोचते हुए बिल को पास करने में सहयोग करना चाहिए।

राकेश कुमार, कार्यकारी निदेशक, ईपीसीएच

इससे अच्छा क्या हो सकता है? जीएसटी पारित होता तो कम से कम टैक्स को लेकर चिंता कम हो जाएगी। एक ही टैक्स होने से टेंशन कम होगी।

अजय गुप्ता, सचिव, मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो‌र्ट्स एसोसिशन

जीएसटी से एक समान कर होने से उत्पादन के कच्चे माल के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। एक ही रेट होने पर कास्ट भी एक जैसी होगी।

संजय गुप्ता, डिवीजन चेयरमैन, आइआइए

जीएसटी लागू होता है तो कस्टम, सेवाकर व अन्य करों से मुक्ति मिलेगी। एक ही टैक्स होगा तो एक बार में भरकर निश्चित हो जाएंगे।

नावेद उर रहमान, प्रशासनिक सदस्य ईपीसीएच

वैट की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिटर्न से फायदा मिलेगा। फायलिंग में दिक्कतें दूर होंगी। इनका जीएसटी में छुटकारा मिलेगा।

गुलाब गुप्ता, सीए

-आयकर की भांति सालाना रिटर्न फाइल होना चाहिए पांच लाख तक पंजीयन की जरूरत नही है। दस लाख हो सकता है। सभी को राहत मिलेगी।

अजीत कुमार, सीए

जीएसटी से उद्योग एवं कारोबार को गति मिलेगी। ई फाइलिंग की परेशानी बचेगी। एक ही शुल्क होने से दूसरे प्रदेशों से माल मंगाना भी बंद होगा।

एसके मिश्रा, सहायक आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद एवं सेवा शुल्क

chat bot
आपका साथी