ब्लाक में अधिकारियों की तैनाती न होने से विकास की रफ्तार धीमी

लगभग तीन लाख की आबादी का विकास खंड छानबे कुल 97 ग्राम पंचायतों को अपनों में पिरोये जहां विकास हेतु लगभग एक वर्ष से स्थाई खंड विकास अधिकारी का इंतजार कर रहा है। वही 201

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Feb 2020 07:07 PM (IST) Updated:Wed, 12 Feb 2020 07:07 PM (IST)
ब्लाक में अधिकारियों की तैनाती 
न होने से विकास की रफ्तार धीमी
ब्लाक में अधिकारियों की तैनाती न होने से विकास की रफ्तार धीमी

जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : लगभग तीन लाख की आबादी का विकास खंड छानबे कुल 97 ग्राम पंचायतों को अपनों में पिरोये जहां विकास हेतु लगभग एक वर्ष से स्थाई खंड विकास अधिकारी का इंतजार कर रहा है। वही 2018 से ही यहां जिला विकास अधिकारी अजिन्तेन्द्र नारायण जिले के साथ छानबे ब्लाक का भी प्रभार भी देख रहे हैं। जिले पर जहां काम का बोझ है वही ब्लाक मुख्यालय पर समय अभाव के चलते कम बैठने से विकास की रफ्तार धीमी हो चुकी है। ब्लाक में अधिकारियों की तैनाती न होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

यही नहीं सहायक विकास अधिकारी पंचायत रविकांत ओझा जो कि स्थाई रूप से कोन ब्लाक में तैनात है। जिन्हें ब्लाक मुख्यालय छानबे के साथ एक अन्य ब्लाक की जिम्मेदारी भी दी गई है। जिनका ब्लाक पर आना न के बराबर ही रहता है। मजे की बात यह है कि ब्लाक पर युवा कल्याण अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी कृषि का पद वर्षो से खाली पड़ी है जो कि विकास कार्यो व जनसमस्याओं पर भी भारी पड़ रहा है। एक ओर विकास कार्यो को जुगाड़ के अधिकारियों से जहां संचालित हो रहा है वही जरूरी महकमे के पद वर्षो से खाली पड़े है। ब्लाक मुख्यालय पर स्थाई रूप से अधिकारियों के न होने व न बैठने से ग्रामीण अपनी समस्या ले आये दिन बैरंग लौट रहे हैं। वही मातहत ग्राम विकास अधिकारी से लेकर अन्य कर्मी क्षेत्र में विकास से लेकर ग्रामीणों की समस्या से कन्नी काट रहे हैं। एक ओर जहां सरकारी मंशा जनहित के कार्यो को त्वरित निस्तारण की हैं वही मातहतों के ग्राम पंचायतों से ले ब्लाक मुख्यालय के रोस्टर से उपस्थिति भी बेमानी साबित हो रही है।

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