लव जिहाद पर मेरठ पुलिस की कारगुजारी से डीजीपी नाराज, पुलिस कर्मी सस्पेंड

एक मुस्‍लिम युवक के साथ आपत्‍तिजनक हालत में पकड़ी गई छात्रा के साथ पुलिस ने मारपीट और अभद्रता की। मामले में पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 11:24 AM (IST) Updated:Fri, 28 Sep 2018 08:02 AM (IST)
लव जिहाद पर मेरठ पुलिस की कारगुजारी से डीजीपी नाराज, पुलिस कर्मी सस्पेंड
लव जिहाद पर मेरठ पुलिस की कारगुजारी से डीजीपी नाराज, पुलिस कर्मी सस्पेंड

मेरठ (जेएनएन)। एक मुस्लिम लड़के से प्रेम संबंध यहां की एक युवती को भारी पड़ गया। पुलिस ने इसे न सिर्फ लव जिहाद का मामला बनाया बल्कि प्रेमी के साथ पकड़े जाने के बाद यूपी-100 की पीआरपी में बिठाकर गालियां दी और पीटा भी। पुलिस वालों ने यहां तक कहा कि इतने हिंदू के होते हुए तुङो मुस्लिम ही पसंद आ रहा....। इसके बाद की बात लिखी नहीं जा सकती। यही नहीं पुलिस ने उसकी पहचान भी उजागर कर दी। मामला उछला तो एसएसपी ने महिला कांस्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर होमगार्ड की सेवा समाप्ति के लिए कमांडेंट को पत्र लिखा है। डीजीपी ओपी सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।
आपत्‍तिजनक हालत में पकड़ा था
रविवार को जागृति विहार सेक्टर-6 स्थित एक किराये के कमरे से हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने एक युगल को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। युवक की पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाने पर हंगामा कर आरोपित छात्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। छात्र-छात्रा के परिजन कार्रवाई न करते हुए उन्हें अपने साथ ले गए थे। मंगलवार को पुलिस की करतूत का वीडियो वायरल हुआ।

वीडियो वायरल
वीडियो में दिख रहा है कि यूपी-100 की पीआरवी चला रहे पुलिसकर्मी छात्र से गाली-गलौज कर अभद्र धार्मिक टिप्पणियां कर रहे हैँ। संप्रदाय विशेष के युवक के साथ पकड़े जाने पर पुलिसकर्मियों ने आपत्ति जताई। इसी दौरान पीछे बैठी महिला कांस्टेबल ने छात्र को कई थप्पड़ भी जड़े।

The Meerut incident is an act of gross imprudence by few errant cops. Irresponsible & Insensitive behaviour by UP cops would not be tolerated. A job of a policeman is to maintain highest standards of probity which must be upheld at all times. Corrective action is being taken.

— DGP UP (@dgpup) September 27, 2018

पीआरवी के स्टाफ पर कार्रवाई
एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि यूपी-100 की पीआरवी संख्या 563 पर तैनात हेड कांस्टेबल सलेखचंद, कांस्टेबल नीटू सिंह के अलावा छात्र से मारपीट करने वाली मेडिकल थाने की महिला सिपाही प्रियंका सिंह को निलंबित कर दिया गया है। होमगार्ड सेंसरपाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए होमगार्ड कमांडेंट को पत्र लिखा गया है।
युवती को बदनाम करने के लिए बनाई वीडियो
घटनाक्रम का पहलू यह है कि पुलिसकर्मियों ने ही छात्र की वीडियो बनाई। छात्र का चेहरा दिखाने के लिए उसके चेहरे से जबरन दुपट्टा भी हटाया गया। वीडियो बनाकर वायरल भी की गई।
पुलिसिया करतूत को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे प्रशांत भूषण
यूपी-100 की पीआरवी में नर्सिग छात्र से मारपीट व अभद्रता की वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। उधर, ताबड़तोड़ एनकाउंटर करने वाली यूपी पुलिस को कठघरे में खड़े करने वाले सुप्रीम कोर्ट के नामचीन वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण उक्त कारनामे पर भी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट में घसीटेंगे। उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए। पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में मुद्दा उठाया था। अब प्रशांत भूषण ने नए कारनामे पर उत्तर प्रदेश पुलिस को घेरा है।

योगी की पुलिस पर सवाल
यूपी-100 की पीआरवी में छात्र से मारपीट व अभद्रता के मामले को उन्होंने बताया है। अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा है कि योगी की पुलिस उग्र ताने दे रही है। पुलिस वैन में बैठी अकेली लड़की से पुलिस मारपीट कर रही है। लड़की का गुनाह यह है कि उसकी एक मुस्लिम लड़के से दोस्ती है। लव जिहाद नाम में पुलिस का यह गुंडाराज है। आरोपित पुलिसकर्मी बर्खास्त होने चाहिए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाना जरूरी है।
डीजीपी ने लिया संज्ञान
डीजीपी ओपी सिंह ने भी मामले पर संज्ञान लिया है। पुलिस प्रवक्ता राहुल श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है कि पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। हम प्रयास कर रहे हैं कि संवाद और ट्रेनिंग के जरिए इस तरह के अपराध को रोका जा सके। पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष ने भी सरकार और यूपी पुलिस को घेर लिया है।
पहले लव जिहाद का दंश, फिर पुलिस की प्रताड़ना
मेडिकल थानाक्षेत्र में अपने सहपाठी संग कमरे पर पकड़ी गई नर्सिग की छात्र और उसके सहपाठी के साथ पहले विहिप के लोगों ने मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने जो किया वह है। पुलिस प्रताड़ना का वीडियो वायरल हुआ तो कार्रवाई भी हुई।
ट्विटर पर लाखों ने देखी वीडियो
पुलिस की करतूत वाली वीडियो जैसे ही ट्विटर पर अपलोड हुई तो कुछ ही घंटों में इसे दो लाख लोगों ने देखा। हजारों लोगों ने रि-ट्वीट और लाइक भी किया। वाट्सएप पर भी कई ग्रुपों में इस वीडियो को वायरल किया गया। चारों तरफ हुई किरकिरी के बाद एसएसपी अखिलेश कुमार ने सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और होमगार्ड के खिलाफ भी कार्रवाई को लिखा।
बर्खास्तगी की मांग को एसपी सिटी से मिले लोग
युवा सेवा समिति अध्यक्ष बदर अली इस प्रकरण को लेकर दर्जनों लोगों के साथ एसपी सिटी रणविजय सिंह से मिले। उन्होंने अपने धर्म के प्रति इस तरह की वीडियो में बात बोलने वाले होमगार्ड और सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। सभी आरोपित पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की भी मांग की।
एसएसपी ने बैठाई जांच
भले ही एसएसपी ने इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया हो, लेकिन तीनों पुलिसकर्मियों की जांच सीओ सिविल लाइन रामअर्ज को सौंपी है। सीओ का कहना है कि वह 24 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट पहले एसपी सिटी को देंगे। इसके बाद एसएसपी को जाएगी।
प्रकरण की लखनऊ तक रही गूंज
मेडिकल थानाक्षेत्र में अपने दोस्त के साथ उसके कमरे पर पकड़ी गई छात्र के साथ पुलिस का बर्ताव और वायरल हुई वीडियो का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। प्रकरण लखनऊ तक गूंज रहा है। इसी के साथ नेशनल मीडिया में भी यह मुद्दा छा गया है। बुधवार तक इस मामले में सिपाहियों के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
ये कैसी पुलिस, महिला के सामने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर प्रदेश के डीजीपी से पूछ रहे हैं कि कार में एक महिला कांस्टेबल भी है। महिला कांस्टेबल के सामने ही पुलिसकर्मी छात्र को अपशब्द बोल रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर क्या पुलिस में यहीं अनुशासन है।
दर्ज हो सकता है मुकदमा
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में लखनऊ से बुधवार तक आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश आ सकते हैं। पूरे महकमे में यह मुद्दा चर्चा का विषय है।
सभी को पता था, बनाई जा रही वीडियो
यूपी-100 डायल की कार को होमगार्ड सहंसरपाल चला रहा था। होमगार्ड ने ही अपने मोबाइल से वीडियो बनानी शुरू की। गाड़ी में सवार सभी पुलिसकर्मियों को पता था कि वीडियो बनाई जा रही है। किसी भी पुलिसकर्मी ने वीडियो का विरोध नहीं किया।

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