रात में भी चलेगा गांवड़ी प्लांट का बैलेस्टिक सेपरेटर

नगर निगम ने गांवड़ी कचरा निस्तारण प्लांट पर डंप पुराने कचरे को तीन माह में पूरी तरह निस्तारित करने का लक्ष्य बनाया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 08:00 AM (IST)
रात में भी चलेगा गांवड़ी प्लांट का बैलेस्टिक सेपरेटर
रात में भी चलेगा गांवड़ी प्लांट का बैलेस्टिक सेपरेटर

मेरठ, जेएनएन। नगर निगम ने गांवड़ी कचरा निस्तारण प्लांट पर डंप पुराने कचरे को तीन माह में पूरी तरह निस्तारित करने का लक्ष्य बनाया है। अब प्लांट का बैलेस्टिक सेपरेटर रात में भी चलाया जाएगा, ताकि तय अवधि में लक्ष्य हासिल किया जा सके। बुधवार को नगर आयुक्त मनीष बंसल ने सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह के साथ गांवड़ी में डंप कचरे के निस्तारण के लिए मंथन किया। नगर आयुक्त ने प्लांट का संचालन कर रहे ठेकेदार से भी जानकारी ली। नगर आयुक्त को बताया गया कि गांवड़ी में पुराना कचरा लगभग 30,000 टन डंप है। दो शिफ्ट में बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन चलाई जाए तो यह तीन माह में साफ हो जाएगा। जिस पर नगर आयुक्त ने दो शिफ्ट में बैलेस्टिक सेपरेटर चलाने की अनुमित दे दी है। अभी तक बैलेस्टिक सेपरेटर दिन में आठ घंटे चलता था। अब रात 12 बजे तक दूसरी शिफ्ट में चलाया जाएगा। मालूम हो कि एनजीटी के निर्देशों के पालन में गांवड़ी में काली नदी किनारे 120 मीटर में ग्रीन बेल्ट विकसित कर दी गई है और नदी किनारे से 140 मीटर की दूरी तक सफाई हो चुकी है। भूजल दूषित होने से बचाने के लिए लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्लेटफार्म बन चुका है। कचरे से निकले आरडीएफ (प्लास्टिक कचरा) की बिक्री के लिए नगर निगम दो कंपनियों से अनुबंध कर चुका है।

आज एनजीटी की ओवरसाइट कमेटी जानेगी हाल

एनजीटी के निर्देशों का नगर निगम ने गांवड़ी कचरा निस्तारण प्लांट पर कितना पालन किया है, इसकी जानकारी गुरुवार को एनजीटी की ओवरसाइट कमेटी के सदस्य लेंगे। सुबह 11 बजे वह वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये नगर निगम के अधिकारियों से रूबरू होंगे। नगर निगम अधिकारियों ने इसकी तैयारी कर ली है।

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