आतंक पर प्रहार..कवि भी शब्दों से उगल रहे 'अंगार'

आंतकवाद पर भारतीय वायुसेना के प्रहार और पाक की बौखलाहट पर मेरठ के कवि भी शब्दों के अंगार उगल रहे हैं। कवि डा. हरिओम पंवार ने फेसबुक पर जिन पंक्तियों को कुछ दिन पहले साझा किया था उन पंक्तियों के कुछ शब्द अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में भी सुनाई दिए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Feb 2019 04:00 AM (IST) Updated:Thu, 28 Feb 2019 04:00 AM (IST)
आतंक पर प्रहार..कवि भी शब्दों से उगल रहे 'अंगार'
आतंक पर प्रहार..कवि भी शब्दों से उगल रहे 'अंगार'

जासं, मेरठ : आंतकवाद पर भारतीय वायुसेना के प्रहार और पाक की बौखलाहट पर मेरठ के कवि भी शब्दों के 'अंगार' उगल रहे हैं। कवि डा. हरिओम पंवार ने फेसबुक पर जिन पंक्तियों को कुछ दिन पहले साझा किया था, उन पंक्तियों के कुछ शब्द अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में भी सुनाई दिए। दिल्ली में वार म्यूजियम के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था-मैं देश नहीं झुकने दूंगा..। ये रचनाएं सोशल मीडिया के जरिए लोगों में देशभक्ति का जोश भर रही हैं। डा. हरिओम पंवार ने अपनी फेसबुक वॉल पर ओज की कुछ पंक्तियां लिखी हैं-

ये सौगंध तुम्हारी है मैं देश नहीं बिकने दूंगा।

देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।

है मेरा विश्वास कभी सौगंध नहीं तोड़ोगे तुम।

भारत की सेवा का अनुबंध नहीं तोड़ोगे तुम।

तुम ऐसा कुछ कर जाओ कि पूरा देश देखता रह जाए,

देश नहीं भूमंडल का परिवेश देखता रह जाए।

ऐसे माहौल में हास्य कवि पापुलर मेरठी के कंठ से भी वीर रस के बोल फूट पड़े। उन्होंने इंडियन एयरफोर्स के जवानों को याद करते हुए कविता लिखी है-

देश के ये वीर रक्षक ये जियाले नौजवान, ये शान है हिदुस्तान की इनसे है हिदुस्तान।

ये हमारे असल हीरो ये हमारी आन-बान, इनकी हिम्मत पर करे गर्व पूरा हिदुस्तान।

कवि डा. ईश्वर चंद गंभीर ने पाकिस्तान को चुनौती देते हुए मुक्तक लिखा है-

झेले थे 71 में जो हालात न भूलें, समझाई थी करगिल में जो बात न भूलें।

कर सकते हैं सर हम भी कलम सौ-पचास के, दुश्मन को ये बता दो औकात न भूले।

अगर आंखें तरेरी फिर तो आंखें काढ़ देंगे हम, किए अनुबंध जो अब तक सभी को फाड़ देंगे हम।

हमारी देशभक्ति पर जरा भी शक नहीं करना, जहां सोचा नहीं तूने तिरंगा गाड़ देंगे हम।

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