कुदरत की गति न्यारी..न्यारी..

शोभित विवि में स्पीक मैके का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 07:00 AM (IST)
कुदरत की गति न्यारी..न्यारी..
कुदरत की गति न्यारी..न्यारी..

मेरठ : आऊं तोरे मंदरवां, पइयां परन दे हो मेरो मनबछिया..। नहरवां हमका लुभावै रे, कहत कबीर सुनो भई साधो..। कुदरत की गति न्यारी-न्यारी अवधूतां..। राग बसंत में ध्रुपद के साथ ख्याल में राग छेड़ते हुए जब पंडित भुवनेश कोमकली ने गाना शुरू किया तो श्रोता शास्त्रीय संगीत के समंदर में गोता लगाने लगे। सुर संध्या में एक के बाद एक राग और आवाज सुनाकर उन्होंने लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। अवसर रहा चौ. चरण सिंह विवि के साहित्यिक व सांस्कृतिक परिषद और स्पिक मैके की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या का।

मंगलवार की शाम विवि के बृहस्पति भवन में आयोजित सुर संध्या में ग्वालियर घराने के प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पद्मविभूषण पंडित कुमार गंर्धव के पौत्र पंडित भुवनेश कोमकली ने अपने राग और आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध किया। उनके साथ तबले पर पवन सिंह और हारमोनियम पर अभिषेक सिंघल ने संगत की। सुर संध्या का शुभारंभ शिव स्तुति से हुई। इसके बाद पं. भुवनेश कोमकली ने ख्याल से मधुर राग छेड़ा। लोगों की फरमाइश पर कौन ठगवा नगरिया लूटल हो, चंदन काठ के बनैले खटोला, ता पर दुलहिन सूतल हो., कहत कबीर सुनो भाई साधो, जग से नाता छूटल हो.. सुनाया।

शुभारंभ प्रो. वाई विमला, प्रो. जयमाला, प्रो. विघ्नेश कुमार त्यागी, डा. धमेंद्र, एचएम राउत आदि ने किया। मौके पर प्रो. मनोरमा त्रिखा, प्रो. सुधीर शर्मा, प्रो. सत्यप्रकाश गर्ग, प्रो. बीरपाल सिंह, डा. विजय मलिक उपस्थित रहे।

शास्त्रीय संगीत के सुर, लय और ताल की जुगलबंदी से भावविभोर हुए श्रोता

शोभित विवि में पंडित भुवनेश कोमकली ने अपने वादक सहयोगियों के साथ प्रस्तुति दी। उन्होंने राग यमन में विलंबित ख्याल से शुरूआत की। राग अहीर भैरव में बड़ा व छोटा ख्याल प्रस्तुत किया। भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रोताओं व छात्रों के शास्त्रीय संगीत से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, भारतीय शास्त्रीय संगीत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा सुने जाने वाला संगीत है। यह दिल को छू लेता है। विदेशी छात्र भी ¨हदुस्तान में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ले रहे हैं। विवि के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने पंडित भुवनेश कोमकली को पौधा भेंट कर स्वागत किया। विवि प्रो. डा. एपी गर्ग ने आभार जताया। संचालन नेहा वशिष्ठ ने किया। संयोजक डा. विपिन कुमार त्यागी रहे। स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज की निदेशक डा. पूनम देवदत्त, प्रो. आरके जैन और विवि के छात्रों व शिक्षकों का सहयोग रहा।

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