याकूब कुरैशी के प्लांट पर लगी 'सेटिंग' की सील

बसपा के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के मीट प्लांट की एक यूनिट पर मंगलवार को एमडीए और प्रशासनिक अधिकारियों ने नाटकीय अंदाज में सील लगा दी। कार्रवाई के दौरान प्रशासन और एमडीए के इशारे पर पुलिस ने मीडिया को अंदर नहीं घुसने दिया। अधिकारी भी परिसर में पैदल ही घुसे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 06:00 AM (IST)
याकूब कुरैशी के प्लांट पर लगी 'सेटिंग' की सील
याकूब कुरैशी के प्लांट पर लगी 'सेटिंग' की सील

मेरठ । बसपा के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के मीट प्लांट की एक यूनिट पर मंगलवार को एमडीए और प्रशासनिक अधिकारियों ने नाटकीय अंदाज में सील लगा दी। कार्रवाई के दौरान प्रशासन और एमडीए के इशारे पर पुलिस ने मीडिया को अंदर नहीं घुसने दिया। अधिकारी भी परिसर में पैदल ही घुसे। कार्रवाई करके लौटे अधिकारियों ने मीडिया के समक्ष दावा किया कि उत्पादन यूनिट पर सील लगा दी गई है। उधर, प्लांट परिसर में बिना अनुमति के आयोजित बसपा का सम्मेलन अधिकारियों के सामने भी जारी रहा और बाद में भी चलता रहा।

हापुड़ रोड पर याकूब कुरैशी का अलफहीम मीटेक्स प्रा. लि. के नाम से मीट प्लांट है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रशासन व एमडीए की टीम यहां सील लगाने पहुंची। उधर, प्लांट परिसर में बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच चुके थे। टीम ने परिसर में घुसने का प्रयास किया तो परिसर के अंदर बैठे याकूब कुरैशी व कंपनी के निदेशक इमरान ने संदेश भिजवाया कि कोई विरोध नहीं करेगा। टीम जहां चाहे सील लगा ले। इसके बाद प्लांट के गेटों पर पुलिस तैनात कर दी गई। प्लांट के भी कुछ कर्मचारी खड़े हो गए। यहीं से पूर्व नियोजित नाटक शुरू हुआ। जैसे ही अधिकारियों की गाड़ी आगे बढ़नी शुरू हुई, लोगों ने गाड़ी रोक ली। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह, एमडीए के जोनल अधिकारी मनोज कुमार सिंह व कुछ जेई गाड़ी से उतरकर पैदल ही अंदर घुस गए। प्रशासन व एमडीए के इशारे पर पुलिस ने मीडिया कर्मियों को गेट पर ही रोक लिया। कार्रवाई कहां और कैसे हुई किसी को नहीं पता चला। कुछ ही देर में प्रशासन व एमडीए के अधिकारी वापस लौटे। सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि मशीनरी को सील कर दिया है। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई है, जिसे डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

टीम व पुलिस के वापस लौटने के बाद मीडिया कर्मियों का प्रवेश हुआ। सील लगे दरवाजे को देखा तो कहीं कोई बोर्ड नजर नहीं आया कि आखिर वह यूनिट प्रोडक्शन की है भी या नहीं।

उधर, परिसर में आयोजित सम्मेलन की कोई अनुमति नहीं थी। प्रशासन ने इस आयोजन को रुकवाने का भी दावा किया था पर अधिकारियों की मौजूदगी में सम्मेलन जारी रहा। पुलिस गेट के बाहर ही खड़ी रही और वहीं से लौट गई। कार्रवाई के दौरान एमडीए सचिव राजकुमार, एडीएम प्रशासन रामचंद्र, एडीएम सिटी मुकेश चंद, सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह, एसडीएम सदर निशा अनंत, एसपी देहात राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे। पूरा परिसर अवैध के दायरे में है तो यूनिट पर ही सील क्यों?

एमडीए की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्लांट की कुल भूमि 13.1788 हेक्टेयर है। इसमें से 0.544 हेक्टेयर रोड वाइडनिंग, 1.13 हेक्टेयर ग्रीन वर्ज व 10.75 हेक्टेयर सार्वजनिक सुविधाओं वाली भूमि है। इसमें से सिर्फ 0.137 हेक्टेयर भूमि ही औद्योगिक प्रयोग की है। इसी वजह से ही इस प्लांट का मानचित्र स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। एमडीए ने ग्रीन वर्ज व रोड वाइडनिंग के हिस्से वाले निर्माण को तोड़ने को कहा था। साथ ही जो भूमि सार्वजनिक सुविधाओं की है, उतनी जमीन अलग से खरीदकर उपलब्ध कराएं। इसी शर्त पर इस जमीन का भू उपयोग बदलेगा और मानचित्र स्वीकृत हो सकेगा। अब एमडीए ने सिर्फ प्रोडक्शन यूनिट पर कार्रवाई की है। जोनल अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि मीट प्लांट में प्रोडक्शन यूनिट महत्वपूर्ण होती है, उसे ही बंद कराया है। यह ग्रीन वर्ज में था। पूरे परिसर को सील करने का कोई औचित्य नहीं था। आगे जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। क्या कहना है याकूब का

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी का कहना है कि उनका मीट प्लांट 1996 में ही बन गया था। उस समय एमडीए ही नहीं था। ग्रीन वर्ज और रोड वाइडनिंग पर निर्माण की जो बात की जा रही है, उसका काफी हिस्सा तोड़ दिया गया था। अगर फिर भी शिकायत है तो बाकी हिस्सा भी तोड़ देंगे। सार्वजनिक सुविधाओं वाली जिस जमीन की बात की जा रही है वह भी उनकी ही है। उसमें कोई रोड या चकरोड भी नहीं था। भाजपा नेताओं व योगी सरकार के इशारे पर एमडीए बेवजह परेशानी खड़ी करके मानचित्र स्वीकृत नहीं कर रहा है। उन्होंने पहले भी संचालन बंद करने का पत्र दिया था। इस बार भी सोमवार रात को पत्र दिया था। वह अवैध काम नहीं करते। प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। अवैध कार्रवाई से बेरोजगार हुए 2000 परिवार : इमरान

अल-फहीम मीटेक्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक इमरान याकूब का कहना है कि प्रशासन ने भाजपा नेताओं के दबाव में राजनीतिक द्वेष से कंपनी परिसर को सील किया है। प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी समय नहीं दिया गया। प्राधिकरण व प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की है। कंपनी परिसर में बसपा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन था। कार्यकर्ता अवैध कार्रवाई से आक्रोशित थे लेकिन उन्हें शांत करा कार्रवाई पूरी कराई। सील लगने से दो हजार परिवारों के सामने रोजी का संकट खड़ा हो गया है। विदेशी मुद्रा के राजस्व की भी हानि होगी।

इन्होंने कहा..

याकूब कुरैशी के कार्यकर्ता सम्मेलन की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। न ही कार्यक्रम की कोई लिखित सूचना दी गई है। जानकारी में आया है कि वहां सैकड़ों लोग जुटे थे। एसडीएम के माध्यम से सही तथ्यों की जानकारी करके आयोजक से जवाब तलब किया जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो सख्त कार्रवाई होगी।

रामचंद्र, एडीएम प्रशासन

chat bot
आपका साथी