Rapid Rail in Meerut: सौर ऊर्जा से रफ्तार भरेगी रैपिड रेल, होगी इन खूबियों से लैस

Rapid Rail in Meerut दिल्ली मेट्रो 373 किमी प्रतिदिन सौर ऊर्जा से चलती है। रैपिड रेल के लिए सौर ऊर्जा आपूर्ति को चल रही कंपनियों से बात।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 12:19 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 09:07 AM (IST)
Rapid Rail in Meerut: सौर ऊर्जा से रफ्तार भरेगी रैपिड रेल, होगी इन खूबियों से लैस
Rapid Rail in Meerut: सौर ऊर्जा से रफ्तार भरेगी रैपिड रेल, होगी इन खूबियों से लैस

मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। देश की पहली रीजनल रेल सेवा यानी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल अत्याधुनिक होने के साथ ही तमाम बड़े कीर्तिमान भी स्थापित करेगी। नई तकनीकों के प्रयोग से उन्नत होने के कारण यह मेट्रो अन्य भारतीय रेल से बेहतर होगी। साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का दबाव भी कम करेगी। बिजली की खपत घटाने के लिए ट्रेन संचालन में सौर ऊर्जा का भी प्रयोग किया जाएगा। सौर ऊर्जा की आपूर्ति के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) विभिन्न कंपनियों से बातचीत कर रहा है।

एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, सौर ऊर्जा से लाइट, पंखा तो चलता ही है। लगभग सभी कार्यालयों में इनका प्रयोग होने लगा है लेकिन बड़े प्लांट से सौर ऊर्जा लेने का मतलब है कि उससे ट्रेन की गतिविधि संचालित करना। चूंकि, सौर ऊर्जा की अपनी सीमा है, इसलिए बिजली की आपूर्ति लगातार बनी रहती है। सौर ऊर्जा को ट्रांसफार्मर से बदलकर इतनी बिजली बनाई जा सकती है कि गति प्रभावित हुए बिना ट्रेन का इंजन चलता रहे। करीब 25 हजार वोल्ट बिजली करंट से ट्रेन संचालित होगी। इतनी बिजली सौर ऊर्जा से दी जा सकती है

वल्र्ड बैंक ऑफ इंडिया के ट््िवटर हैंडल में इसी साल चार जून को दी गई जानकारी के अनुसार 60 फीसद दिल्ली मेट्रो का संचालन सौर ऊर्जा से होता है। इस जानकारी के अनुसार, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन 373 किमी सौर ऊर्जा से चलती है। दिल्ली मेट्रो को यह सौर ऊर्जा मध्य प्रदेश के रीवा स्थित मेगा सोलर प्लांट से मिलती है। रीवा का यह प्लांट दुनिया के गिने-चुने बड़े प्लांटों में से एक है।

एक नजर
60 हजार टन पीएम 2.5 दिल्ली-एनसीआर का हर साल घटाने का है लक्ष्य रैपिड रेल का
-4,75,000 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड कम होगी
-8,00,000 टन हाइड्रो कार्बन व कार्बन मोनो ऑक्साइड घटेगी

इनका कहना है

दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण कम करने व वातावरण को हरा-भरा रखने के सभी उपायों पर प्रयास चल रहे हैं। ट्रेन संचालन में भी सौर ऊर्जा के प्रयोग पर विचार-विमर्श जारी है। दिल्ली मेट्रो के लिए जो भी प्रयोग हुए हैं, उससे कहीं बेहतर प्रयोग व इनोवेशन इस प्रोजेक्ट में होंगे।

- सुधीर शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी।

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