भैंसाली भूमिगत स्टेशन के बाक्स बनाने को डीवाल का एक तिहाई कार्य पूरा

रैपिड रेल कारिडोर के लिए शहर में तीन भूमिगत स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ये भूमिगत स्टेशन डीवाल यानी बाहरी दीवारों की सहायता से बनाए गए बाक्स के अंदर बनाए जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:21 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:21 PM (IST)
भैंसाली भूमिगत स्टेशन के बाक्स बनाने को डीवाल का एक तिहाई कार्य पूरा
भैंसाली भूमिगत स्टेशन के बाक्स बनाने को डीवाल का एक तिहाई कार्य पूरा

मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल कारिडोर के लिए शहर में तीन भूमिगत स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ये भूमिगत स्टेशन डीवाल यानी बाहरी दीवारों की सहायता से बनाए गए बाक्स के अंदर बनाए जाते हैं। प्रथम चरण में डीवाल बनाकर बाक्स बना लिया जाता है तब अंदर स्टेशन का कार्य शुरू होता है। सबसे पहले भैंसाली स्टेशन के लिए डीवाल का निर्माण शुरू हुआ था। यहां पर एक तिहाई डीवाल का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जबकि बेगमपुल व मेरठ सेंट्रल के लिए भी कार्य तेजी से चल रहा है।

भैंसाली में कुल 125 डीवाल बनाई जानी है। इसमें से 45 का निर्माण कर लिया गया है। बेगमपुल में 116 डीवाल का निर्माण होना है जिसमें से 13 का निर्माण हुआ है। यहां से गांधी बाग तक टनल भी जा रही है। यहां भी एक स्ट्रक्चर के लिए डीवाल का निर्माण किया जा रहा है। यहां 17 डीवाल का निर्माण प्रस्तावित है जिसमें से 13 का निर्माण कर लिया गया है। मेरठ सेंट्रल के लिए 128 डीवाल का निर्माण होना है जिसमें से 16 का निर्माण हो गया है।

24 मीटर गहराई में उतारे जाते हैं पांच मीटर चौड़े जाल : डीवाल के निर्माण के लिए 24 मीटर लंबा जाल बनाया जाता है। यह जाल पांच मीटर चौड़े होते हैं। प्रत्येक जाल का वजन करीब 22 टन होता है। जाल को भूमिगत स्टेशनों के कार्यस्थल पर ही तैयार किया जाता है। 24 मीटर गहराई तक गड्ढा खोदने के बाद क्रेन की मदद से जाल जमीन में उतार दिया जाता है। फिर इसमें कंक्रीट मसाला भरा जाता है।

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